मंडी: प्रदेश में ईडब्ल्यूएस (इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन) अभ्यर्थी गलत आय प्रमाणपत्र देकर नौकरी हथिया रहे हैं, जिसका हिमाचल प्रदेश बीएड बेरोजगार यूनियन ने रोष व्यक्त किया है। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश गौतम सहित समस्त जिलों के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने इस प्रमाणपत्र को जारी करने का कोई साफ -सुथरा तरीका नहीं अपनाया है, ताकि पात्र व्यक्तियों को ही यह प्रमाणपत्र जारी किया जा सके। यूनियन ने सरकार से निवेदन किया है कि कोई ऐसा प्रमाणिक तरीका अपनाया जाए, ताकि पात्र व्यक्ति ही यह प्रमाणपत्र बनवा सके तथा इसका लाभ ले सके। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश गौतम ने बताया कि प्रदेश में सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।
जो कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को सरकारी सुविधाएं उपलब्ध करवाता है तथा पात्र व्यक्तियों को नौकरी में भी आरक्षण उपलब्ध करवाता है। नौकरी में भी ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण है। हिमाचल सरकार भी सभी वर्ग के नौकरियों के लिए चार लाख की आय सीमा से कम पात्र व्यक्तियों के लिए आरक्षण प्रदान करती है, परंतु दुर्भाग्य इस बात का है कि अपात्र व्यक्ति भी इस ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट को बनवा कर गलत तरीके से नौकरी पा रहे हैं, जिनकी आय सीमा चार लाख से कहीं अधिक है व ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनाते समय जानकारियों को छिपा रहे हैं। ही बीएड बेरोजगार यूनियन ईडब्ल्यूएस आधार पर लगे व्यक्तियों की आरटीआई लेगी तथा गलत तरीके से लगे लोगों को जांच के दायरे में लाएगी।
उचित कदम उठाएगी प्रदेश सरकार
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि गलत तरीके से आय प्रमाणपत्र देकर नौकरी प्राप्त करना बिलकुल गलत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उचित कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि उक्त मामले के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत करवाएगा।