शिमला। नगर निगम शिमला के कर्मचारी महासंघ ने निगम प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि कर्मचारी कई वर्षों से नगर निगम की सेवा कर रहे हैं, वहीं सभी कर्मचारी प्रदेश सरकार के अधीन ही कार्य करते हैं। कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष आशा राम का कहना है कि 1979 में समझौते के अनुसार सभी नगर निगम के कर्मचारी ओपीएस के हकदार हैं। पहले एमसी कर्मचारियों का जीपीएफ कटता था लेकिन हाल ही में उससे काटना बंद कर दिया था। कर्मचारियों ने यह सोचा कि उन्हें ओपीएस देने की तैयारी है लेकिन बाद में कर्मचारियों को पता चला कि निगम प्रशासन ने कर्मचारियों को ओपीएस से बाहर कर दिया है। कर्मचारी महासंघ का कहना है कि जो भी कर्मचारी एनपीएस में आते हैं।
उन सभी कर्मचारियों को ओपीएस दी जाए। वहीं कर्मचारी महासंघ ने हाल ही में निगम प्रशासन के खिलाफ धरना-प्रदर्शन भी किया था, जिसमें नगर निगम के कमिश्नर आशीष कोहली ने उन्हें बैठक के लिए बुलाया था। महासंघ के अध्यक्ष आशा राम का कहना है कि नगर निगम प्रशासन कर्मचारी संघ को प्रोसिडिंग देने वाला है, ऐसी सूचना मिली है लेकिन कर्मचारी महासंघ को प्रोसिडिंग की कोई जरूरत नहीं है। कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष का कहना है कि हमें एग्रीमैंट चाहिए ताकि सभी कर्मचारियों को उनका हक मिल सके। कर्मचारी महासंघ ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ओपीएस बहाल किया है लेकिन निगम प्रशासन इसको रोक रहा है। ऐसे में कर्मचारियों की मांग को नहीं माना गया यानी कर्मचारियों के लिए यदि ओपीएस बहाल नहीं की गई तो कर्मचारी संघ पैन डाऊन स्ट्राइक करेगा। यह आंदोलन तब तक चलता रहेगा जब तक कर्मचारियों की मांग नहीं मानी जाती और कर्मचारियों के लिए ओपीएस बहाल नहीं की जाती। वहीं इसको लेकर कर्मचारी महासंघ सभी कर्मचारियों के साथ सोमवार को बैठक भी करने वाला है।