Electricity Regulatory Commission: नई बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं चाहिए तो 17 फरवरी तक दें सुझाव

कोरोना संकट के बीच नई बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं चाहते हैं,

Update: 2022-01-30 07:45 GMT

कोरोना संकट के बीच नई बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं चाहते हैं तो 17 फरवरी तक अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज करवा सकते हैं। राज्य विद्युत नियामक आयोग साल 2022-23 के लिए बिजली दरें तय करने से पहले जनता की राय लेगा। आठ मार्च को आयोग के कसुम्पटी स्थित कार्यालय में जन सुनवाई निर्धारित की है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि हिंदी और अंग्रेजी भाषा में सुझाव-आपत्तियां दी जा सकती हैं। किसी अन्य भाषा के सुझाव-आपत्तियां स्वीकार नहीं होंगी। लोगों के सुझाव-आपत्तियों का बिजली बोर्ड 17 अप्रैल तक लोगों को जवाब देकर भेजेगा। बोर्ड के जवाब से असंतुष्ट लोग 23 अप्रैल तक दोबारा बात रख सकेंगे। राज्य बिजली बोर्ड ने 270 करोड़ के घाटे का हवाला देकर विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर की है। खर्चे पूरे करने को वित्तीय वर्ष 2022-23 में 6140.92 करोड़ की बोर्ड को जरूरत है। बोर्ड ने दरों में दस से बारह फीसदी की बढ़ोतरी करने की नियामक आयोग से मांग की है।

याचिका पर आयोग ने काम करना शुरू कर दिया है। 2019 में पांच पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली महंगी हुई थी। कोरोना संकट के चलते प्रदेश में बीते दो वर्षों 2020-21 और 2021-22 के दौरान बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं हुई है। 2020 में सरकार ने अगस्त के दौरान बोर्ड को दी जाने वाली सब्सिडी की राशि कैबिनेट बैठक में फैसला लेकर घटा दी थी। इस नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में करीब 50 से 350 रुपये प्रतिमाह बढ़ोतरी हुई है। अगस्त 2020 में आयोग ने सब्सिडी कम होने के बाद नई दरें फिर तय की थीं। नए टैरिफ में बिजली दरों को तीन स्लैब में बांटा गया है। खपत के अनुसार हर स्लैब की यूनिट का अलग से निर्धारण किया गया है। जैसे-जैसे बिजली की खपत बढ़ती है तो हर स्लैब में तय यूनिट्स के हिसाब से बिल तय होते हैं। अब बोर्ड ने याचिका के माध्यम से अपने आय और व्यय का ब्योरा देकर आयोग से बिजली दरों में बढ़ोतरी करने का आग्रह किया है।
यहां दे सकते हैं सुझाव
- सचिव राज्य विद्युत नियामक आयोग का एसडीए कांप्लेक्स कसुम्पटी कार्यालय।
- ई मेल आईडी : cecomm@hpseb.in या edp@hpseb.in या secy-hperc@hp.gov.in
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