मंडी सांसद Kangana Ranaut के निर्वाचन को हाई कोर्ट में चुनौती

Update: 2024-07-25 01:06 GMT
हिमाचल प्रदेश Himachal Pradesh : याचिकाकर्ता ने दलील दी कि तय मानदंडों के बावजूद  Election चुनाव से पहले उनका नामांकन खारिज कर दिया गया। जिसके बाद याचिकाकर्ता लायक राम नेगी ने कंगना रनौत के चुनाव को रद्द करने की मांग की।  हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की सांसद कंगना रनौत की जीत को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। जिसके बाद हाई कोर्ट ने कंगना को एक नोटिस जारी किया है। यह चुनौती बुधवार को किन्नौर निवासी एक शख्स द्वारा दायर की गई, जिसके आधार पर कंगना को नोटिस जारी किया है। याचिका में इस आधार पर कंगना के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की गई है कि
लोकसभा
क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए उनके नामांकन पत्र को कथित रूप से गलत तरीके से खारिज कर दिया गया था। नोटिस जारी करते हुए जस्टिस ज्योत्सना रेवाल ने रनौत को 21 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के मुताबिक याचिका पर अदालत की ओर से नोटिस जारी किया गया है और प्रतिवादी भाजपा सांसद को 21 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है। याचिका में प्रदेश के किन्नौर जिले के निवासी निर्दलीय उम्मीदवार लायक राम नेगी के नामांकन की अस्वीकृति को चुनौती दी गई थी।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि तय मानदंडों को पूरा करने के बावजूद चुनाव से पहले उनका नामांकन खारिज कर दिया गया। रनौत के चुनाव को रद्द करने की मांग करते हुए याचिकाकर्ता लायक राम नेगी ने कहा कि उनके नामांकन पत्र को रिटर्निंग ऑफिसर (डिप्टी कमिश्नर, मंडी) ने गलत तरीके से खारिज कर दिया था, इसलिए उन्हें भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए। वन विभाग के पूर्व कर्मचारी नेगी ने कहा कि उन्हें समय से पहले सेवानिवृत्ति मिल गई और उन्होंने 
Returning Officer 
रिटर्निंग ऑफिसर को नामांकन पत्र के साथ विभाग से मिला 'नो ड्यूज' सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया। हालांकि, उन्हें बिजली, पानी और टेलीफोन विभागों से नो ड्यूज प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए एक दिन का समय दिया गया था और जब उन्होंने उन्हें प्रस्तुत किया, तो रिटर्निंग ऑफिसर ने उन्हें स्वीकार नहीं किया और नामांकन पत्र खारिज कर दिया। उन्होंने दलील दी कि अगर उनके कागजात स्वीकार कर लिए गए होते तो वे चुनाव जीत सकते थे और कहा कि चुनाव को रद्द कर दिया जाना चाहिए। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 100 के तहत मंडी में चुनाव को दी गई चुनौती को अदालत की ओर से अमान्य घोषित किया जा सकता है अगर याचिकाकर्ता यह साबित करने में विफल रहता है कि उसका नामांकन पत्र अवैध रूप से खारिज किया गया था। बता दें कि रनौत ने मंडी लोकसभा सीट से अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह को 74,755 मतों से हराकर जीत हासिल की थी। उन्हें 5,37,002 मत मिले थे, जबकि सिंह को 4,62,267 मत मिले थे।
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