यमुनानगर: महिलाएं अकसर अपने निजी अंगों से संबंधित बीमारियों के शुरुआती लक्ष्णों को बताने में हिचकिचाती हैं, जो कि एक बड़े रोग का कारण बनता है तथा ज्यादातर महिलाएं रोग के अनियंत्रित होने के बाद ही अस्पताल पहुंचती हैं, परंतु अब समय के साथ-साथ चिकित्सा जगत में आई नई क्रांति से गंभीर व चुनौतीपूर्ण मामलों में मरीजों को बचाना संभव हो पाया है। वहीं, रोबोटिक सर्जरी मूत्र पथ प्रणाली से संबंधित मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है। यह बात जाने माने यूरोलॉजिस्ट डा. रोहित डढवाल ने यमुनानगर में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस में कही, जो कि हाथों की बजाय ‘दा विंची’ रोबोटिक सर्जरी से मरीज को उपचार के दौरान मिलती राहत जैसे खून की बर्बादी, कम दर्द, कम निशान व तुरंत राहत संबंधी जागरूक करने के लिए शहर में पहुंचे थे, जिनके द्वारा हाल ही में चिकित्सा साहित में अपनी तरह के अनेठे ऐसे मामले जिसमें एक 26 वर्षीय युवती के मूत्र नियंत्रण करने वाली जगह पर मौजूद टयूमर को सफलतापूर्वक हटाकर उसे एक सामान्य जीवन जीने के काबिल बनाया गया है। फोर्टिस अस्पताल में यूरोलॉज, एंड्रोलॉजी एवं रोबोटिक और लैप्रोस्कोपिक सर्जरी विभाग के कंस्लटेंंट डा. रोहित डढवाल ने बताया कि हाल ही में हरियाणा की एक 26 वर्षीय युवती यूरेथ्रल लेयोमायोमा (मूत्रमार्ग में बने टयूमर) से पीडि़त होने के कारण एक अत्यंत दुर्लभ स्थिति में थी। रोगी पेशाब में कठिनाई, पेशाब नली में संक्रमण, बढ़ती आवृति तथा रात में बार-बार पेशाब आने से बहुत ही चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रही थी। इस लक्ष्णों के दौरान जांच करने पर पता चला कि युवती के मूत्रमार्ग में एक टयूमर (गांठ जैसा दिखने वाला) बन रहा है, जो कि उसके मूत्राशय को दबा रहा था।