ऊना। जिला ऊना में मारपीट और हत्या के प्रयास के मामले में अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को पांच वर्ष कठोर कारावास और 10 हज़ार रुपए जुर्माना की सज़ा सुनाई है। दोषी की पहचान वरिंद्र सिंह निवासी अपर पंजावर तहसील एवं जिला ऊना के रूप में हुई है। बता दें मामला 21 सितंबर 2015 की रात का है। जब अपर पंजावर पंचायत के उप प्रधान जगजीत सिंह को घर के पास लड़ाई-झगड़े की आवाज सुनाई दी।
वह अपनी पत्नी के साथ बाहर आया और देखा कि वीरेंद्र सिंह ने अंजू मनकोटिया के मुंह, चेहरे और गर्दन पर दराती से हमला कर घायल कर दिया है। जिसके बाद अंजू की मां ने उसे बचाने की कोशिश की। उनके बचाव से अंजू को वीरेंद्र की पिटाई से बचाया गया। जिस दौरान वीरेंद्र सिंह मौके से भाग गया। जिसके बाद घायल अंजू को उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना ले जाया गया। साथ ही पुलिस को भी इसकी जानकारी दी गई। पुलिस की टीम अस्पताल पहुंच कर पीड़िता के बयान को दर्ज किया और हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। चार्जशीट दाखिल होने के बाद मामला कोर्ट में चला।
वहीं कोर्ट में अतिरिक्त लोक अभियोजक पूजा धीमान द्वारा अभियोजन पक्ष की पैरवी की गई। उन्होंने बताया कि अदलात में आरोपियों पर दोष सिद्ध करने के लिए अभियोजन पक्ष ने 22 गवाह पेश किए गए। जिसके बाद अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया और पांच वर्ष कठोर कारावास और 10 हज़ार रुपए जुर्माना की सज़ा सुनाई। उन्होंने बताया कि दोषी की पांच वर्ष की सजा के दौरान अन्य धाराओं के तहत दी गई सजाएं भी साथ-साथ चलेंगी। दोषी को यहां आईपीसी की धारा 307 के तहत अपराध के लिए पांच साल कठोर कारावास और 10000 रुपए जुर्माना अदा करना होगा। यदि दोषी किसी सूरत में जुर्माना अदा नहीं करता तो उसे छह माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
वहीं, आईपीसी की धारा 324 के तहत अतिरिक्त तीन वर्ष का साधारण कारावास एवं 5000 जुर्माना, आईपीसी धारा 506 के तहत दो वर्ष अतिरिक्त साधारण कारावास और 5,000 रुपए का जुर्माना भी अदा करना होगा। दोनों धाराओं में जुर्माना अदा न करने पर तीन-तीन महीने अतिरिक्त साधारण कारवास भुगतना पड़ेगा। वहीं अदालत ने मामले में पीड़ित को 15,000 रुपए मुआवजा देने के भी आदेश दिए हैं।