रामपुर बुशहर। जिला एंव सत्र न्यायधीश किन्नौर स्थित रामपुर की अदालत ने पिता की हत्या के आरोप में दोषी पाए जाने पर अभिषेक नेगी (24) निवासी गांव कंगोस, डाकघर शोलडिंग, तहसील निचार व जिला किन्नौर को 7 वर्ष के कठोर कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जिला उप न्यायवादी केएस जरयाल ने बताया कि मिंया राम (50) पुत्र गोपाल सिंह गांव कंगोस डाकघर शोलडिंग, तहसील निचार व जिला किन्नौर बिजली बोर्ड भावानगर में बतौर टीमेट कार्यरत था और एचपीएसईबी की कालोनी के सरकारी क्वार्टर में रहता था। 10 जनवरी, 2018 को जब वह अपने क्वार्टर में मौजूद था तो उसके बेटे अभिषेक ने उसे कमरे में बंद कर डंडे व हाथों से बुरी पीटा। इससे मिंया राम को काफी गंभीर चोटें आईं। इसके बाद उसे बेहोशी की हालत में आईजीएमसी शिमला लाया गया, जहां उसकी माैत हो गई। मिंया राम की मौत के बाद भावानगर थाने मेें 302 के तहत मुकद्दमा पंजीकृत किया गया। इस मामले की छानबीन करने के उपरांत पुलिस ने न्यायालय में चालान पेश किया। अदालत में कुल 20 गवाहों के साक्ष्य दर्ज प्रस्तुत किए गए। सभी गवाहों के बयान व वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर अभिषेक नेगी को हत्या का दोषी पाया गया और अदालत ने धारा 304 के तहत 7 वर्ष कठोर कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना, धारा 342, 323 में एक साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई। सरकार की तरफ से मुकद्दमें की पैरवी जिला उपन्यायवादी केस जस्याल व कमल चन्देल ने की है।