शिमला। राजस्व घाटे से जूझ रहे राज्य बिजली बोर्ड के करीब 361 करोड़ रुपये के बिजली बिल अभी तक पेंडिंग हैं। बता दें कि अक्तूबर 2022 तक हजारों उपभोक्ताओं ने बिजली बिलों को नहीं भरा है। अब बोर्ड प्रबंधन ने वसूली के लिए डिफाल्टरों को नोटिस जारी करने का फैसला लिया है। जानकारी के अनुसार, अगर 15 दिन के बाद भी बिलों का भुगतान नहीं किया गया तो विभाग द्वारा कनेक्शन काट दिए जाएंगे।
करीब एक वर्ष से बिजली बोर्ड को 361 करोड़ रुपये के बिलों का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है। विभाग के मुताबिक औद्योगिक इकाइयां बोर्ड की सबसे बड़ी डिफाल्टर हैं। दरअसल 155 करोड़ रुपये के बिल उद्योगों से वसूले जाने हैं।
स्ट्रीट लाइटों के लिए नगर निकायों से छह करोड़जल शक्ति विभाग से 70 करोड़घरेलू उपभोक्ताओं से 55 करोड़कृषि विभाग से 4 करोड़अस्पतालों व अन्य कार्यालयों से 25 करोड़
इसी के साथ निर्माण कार्यों के लिए जारी अस्थायी कनेक्शन धारकों से छह करोड़ रुपये के बिजली बिल अभी वसूले जाने हैं।
आपको बता दें कि करीब 40 करोड़ रुपये के बिजली बिलों के मामले कानूनी प्रक्रिया में उलझे हुए हैं। बोर्ड के प्रबंध निदेशक पंकज डडवाल ने जानकारी दी कि सभी फील्ड अधिकारियों को बिलों का भुगतान सुनिश्चित करने को कहा गया है। सरकारी विभागों से लिए जाने वाले बिलों की वसूली के लिए मामला विभागाध्यक्षों से उठाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं को लगातार बिजली सप्लाई उपलब्ध करवाई जा रही है। बिल जमा करवाने के लिए ऑनलाइन सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई गई हैं। इसके बावजूद कई उपभोक्ता समय से बिजली बिलों का भुगतान नहीं कर रहा, उन्होंने साफ कहा कि ऐसे उपभोक्ताओं के खिलाफ अब सख्ती की जाएगी। पहले चरण में 15 दिन के नोटिस जारी कर बिल जमा करने को कहा जाएगा। इसके बाद भुगतान नहीं करने पर कनेक्शन पूरी तरह काट दिए जाएंगे।