अब तक के सबसे कमजोर सीएम साबित हुए जयराम
कौल सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास अनुभव के साथ-साथ काबिलियत की भी कमी है। वह अब तक के सबसे कमजोर सीएम साबित हुए हैं। अपने साढ़े 4 साल के कार्यकाल में 7 मुख्य सचिव बदल दिए। ईमानदार व स्वच्छ छवि वाले पूर्व सीएस अनिल खाची को पद से हटाकर डाऊटफुल इंटीग्रिटी वाले को मुख्य सचिव बनाया, जबकि अधिकारी का वन विभाग में भ्रष्टाचार से जुड़ा मसला पीएमओ कार्यालय तक पहुंचा। मुख्यमंत्री का ब्यूरोक्रेसी पर बिल्कुल भी नियंत्रण नहीं है। अब 3-3 सीनियर आईएएस को प्रधान सलाहकार लगाया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएस राम सुभग ने अपने लिए 30 लाख रुपए से महंगी कार खरीदी। उन्होंने पूछा कि क्या इसकी कैबिनेट से मंजूरी ली गई थी? सीएम को क्या इसका पता था। सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए।
दिवालियापन की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया हिमाचल
कौल सिंह ने कहा कि जयराम ठाकुर सरकार ने हिमाचल को दिवालियापन की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। पूर्व सरकार में 47000 करोड़ रुपए का कर्ज था। उसमें भी 16 साल भाजपा ने राज किया है। जयराम सरकार के कार्यकाल में कर्ज का बोझ बढ़कर 70000 करोड़ रुपए पहुंच गया है। जब तक सत्ता से बाहर होंगे, तब तक यह 80000 करोड़ रुपए हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जयराम ने केवल फिजूलखर्ची की है। रिसोर्स मोबिलाइजेशन पर ध्यान नहीं दिया गया। अपनी मशहूरी के लिए करोड़ों रुपए होर्डिंग्ज पर ही खर्च कर दिए गए। सरकार को जनता को इसका जवाब देना होगा। इस मौके पर कांग्रेस नेता नरेश चौहान, अरुण शर्मा, देवेंद्र बुशहरी, सुंशात कपरेट और सौरव आदि मौजूद रहे।
एचपीयू में हुईं एक विचारधारा वालों की भर्तियां
कौल सिंह ने कहा कि हिमाचल विश्वविद्यालय में तत्कालीन कुलपति द्वारा नियमों को दरकिनार करके भॢतयों में व्यापक स्तर पर अनियमितताएं की गई हैं और अपने चहेतों को नियुक्तियां दी गईं। उन्होंने कहा कि एक विचारधारा से जुड़े 100 लोगों की भर्तियां एचपीयू में हुई हैं। मैरिट तक को दरकिनार किया गया। इसकी जांच की मांग की है।