देश के पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में मॉनसून अपने साथ आफत लेकर आया है. राज्य में मॉनसून सक्रिय होने के साथ ही बादल फटने और भूस्खलन जैसी घटनाएं सामने आ रही है, जिससे यहां जन-जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. यहां चारों तरफ पानी ही पानी और भूस्खलन का मलबा जमा नजर आ रहा है. तबाही का आलम यह है कि सरकारी मशीने चट्टानों के मलबे में फंसे वाहनों को निकालने में जुटी हैं. नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और नाले उफान पर हैं. एक अनुमान के मुताबिक इस दौरान करोड़ों की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है.
मनाली-चंडीगढ़ हाईवे पिछले 20 घंटों से बंद
इसके साथ ही भूस्खलन के चलते कई राष्ट्रीय राजमार्गों को बंद कर दिया गया है. इस क्रम में मनाली-चंडीगढ़ हाईवे पिछले 20 घंटों से बंद है. सड़कों की दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतारें नजर आ रही हैं. इसके साथ ही कुल्लू-मंडी हाइवे पर भी भारी जाम की स्थिति है. एक रिपोर्ट के अनुसार सड़क पर दोनों तरफ लगभग 11 किलोमीटर लंबा जाम है. वहीं, मौसम खराब होने की वजह पर्यटक बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, जिसके चलते यहां सारे होटल फुल हैं. होटलों में कोई कमरा खाली नहीं है. सड़कों को खाली करने में जुटा सरकारी अमला मलबा हटाने के लिए विस्फोटक का इस्तेमाल कर रहा है.
हिमाचल प्रदेश में 400 से ज्यादा लोगों को फंसे होने की खबर
एक रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में 400 से ज्यादा लोगों को फंसे होने की खबर है. जिसमें से 200 लोग तो अकेले मंडी में फंसे हैं. आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेशमें पिछले कई दिनों से भारी बारिश हो रही है. यहां कांगड़ा के धर्मशाला में 106.6 मिमी, कटौला में 74.5 मिमी, गोहर में 67 मिमी. मंडी में 56.4 मिमी, पोंटा साहिब में 43 मिमी और पालमपुर में 32.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है.