शिमला: उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने स्पष्ट किया है कि उद्योग विभाग के माध्यम से चल रही मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना आगे भी जारी रहेगी। कांग्रेस सरकार ने राजीव गांधी स्वरोजगार योजना शुरू की है, लेकिन दोनों में मंजूर की गई एक्टिविटी अलग-अलग हैं। इसलिए दोनों योजनाएं अपने-अपने महत्त्व के हिसाब से चलेंगी। उद्योग मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना को और प्रभावी बनाया जाएगा। इसका रिस्पांस अच्छा है और इसकी 185 करोड़ की देनदारी को लेकर भी जल्द फैसला होगा। हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व सरकार इस योजना में करीब 235 करोड़ की देनदारी देकर गई है, जबकि ऐसी स्कीमों में बजट का प्रावधान साफ होना चाहिए, ताकि स्वरोजगार प्रभावित न हो। गौरतलब है कि वर्तमान सरकार द्वारा राजीव गांधी स्वरोजगार योजना शुरू करने के बाद ऐसा अंदेशा था कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना अब बंद हो जाएगी। राज्य सरकार में एक विचार यह भी चल रहा है कि राजीव गांधी स्वरोजगार योजना को श्रम विभाग के माध्यम से चलाया जाए, हालांकि अभी इस बारे में अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
जहां तक मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की बात है, तो इसमें अब तक 8613 स्वरोजगार के प्रोजेक्ट स्वीकृत हो चुके हैं, जिनमें 1600 करोड का निवेश हुआ है। इसमें 364 करोड़ की सबसिडी सरकार ने देनी है और इस माध्यम से 23655 लोगों को रोजगार भी मिलेगा। यह अपने आप में एक बड़ा आंकड़ा है, लेकिन पहले से मंजूर किए जा चुके प्रोजेक्टों में अभी 235 करोड़ की देनदारी बाकी है। इस साल उद्योग विभाग के 50 करोड़ का बजट है। इसका इस्तेमाल करने के बाद भी 185 करोड की लायबिलिटी बचेगी।