चम्बा। चम्बा-जोत मार्ग पर कार में जलकर जिस बीएसएफ जवान की मौत हो गई थी वह जिंदा है। पुलिस उसे बाहरी राज्य से पकड़कर चम्बा ले आई है। उससे पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के बाद ही पूरे मामले से पर्दा उठेगा। 29 जून को जोत के निकट एक कार जली हुई मिली थी। यह कार बीएसएफ के जवान अमित राणा की थी। कार में मिले अवशेष को बीएसएफ जवान के माना गया था लेकिन अब कहानी में नया मोड़ आ गया है। पुलिस बीएसएफ जवान को जिंदा तलाश लाई है। पुलिस अमित राणा से पूछताछ कर घटना की वास्तविकता से पर्दा हटाने में जुटी है। अमित राणा की शिनाख्त को लेकर पुलिस ने स्थानीय पंचायत प्रधान को भी चम्बा बुलाया है। अब अमित राणा के जिंदा पकड़े जाने के बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि घटना के दिन कार में जलने वाला कौन था? बीएसएफ जवान के परिजनों ने तो उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था। हालांकि पुलिस आरंभिक जांच से ही इस घटना को संदेह की नजर से देख रही थी।
पुलिस ने जांच में पाया कि जिस जगह घटना पेश आई है वह काफी खुली है। कार आग लगने के बाद भी खाई में गिरने की बजाए सड़क में ही थी। इसके साथ ही कार में आग लगने के बाद ब्लास्ट भी नहीं हुआ तो व्यक्ति खुद को बचाने में कामयाब क्यों नहीं हो पाया। इन बिंदुओं के आधार पर ही पुलिस ने जांच को आगे बढाया। पूरी घटना सुनियोजित तरीके से अंजाम दी गई है। पुलिस ने इन बिंदुओं के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया। कड़ी दर कड़ी मामले को जोड़ते हुए पुलिस घटना की वास्तवकिता से पर्दा हटाने के साथ ही अमित राणा को जिंदा पकडऩे में सफल हुई। एसपी अभिषेक यादव ने मामले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा मामले में आगामी जांच जारी है। पुलिस टीम हर एंगल से जांच कर रही है। घटना में कार जलकर पूरी तरह राख हो गई थी। पुलिस को जली कार से हड्डी का एक अवशेष मिला था। घटना की वास्तविकता से पर्दा हटाने के लिए फोरैंसिक टीम को भी मौके पर बुलाकर साक्ष्य जुटाए थे। इस घटना को लेकर अमित राणा के परिजनों ने भी किसी तरह का संदेह जाहिर नहीं किया था। परिजनों के मुताबिक अमित राणा अपने दोस्तों से मिलने कार में सवार होकर चम्बा की ओर जा रहा था। उसने अपनी पत्नी को भी मैसेज किया था।