संस्थानों को डिनोटिफाई करने पर विपक्ष का हंगामा, काम रोको प्रस्ताव को मंजूरी
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को पूर्व भाजपा सरकार के समय में खोले गए संस्थानों को डिनोटिफाई करने के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। इस संबंध में विपक्ष की तरफ से नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव लाया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने काम रोको प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने एक-दूसरे पर निशाना साधा, ऐसे में दोनो पक्षों में तीखी नोकझोंख भी होती रही। चर्चा के दौरान विपक्ष के सदस्य डिनोटिफाई संस्थानों को नोटिफाई करने की मांग पर अड़े रहे जबकि सत्तापक्ष के सदस्यों को कहना था कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए अंतिम 6 माह में पूर्व सरकार ने सैंकड़ों संस्थान खोल दिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा सदन में हुई चर्चा का जवाब देने बाद विपक्ष नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चला गया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने व्यवस्था दी कि मुख्यमंत्री का स्थगन प्रस्ताव पर जवाब आ गया है, ऐसे में उन्होंने विपक्ष की तरफ से लाए गए प्रस्ताव को निरस्त करने की व्यवस्था दी। इससे पहले सदन में मुख्यमंत्री ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि जहां जरूरत होगी, वहां बंद किए गए संस्थानों को फिर से सरकार नोटिफाई करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने जहां-जहां जरूरी था, वहां-वहां कुछ संस्थान फिर से खोल भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 1 अप्रैल 2022 के बाद खोले गए सभी संस्थानों को डिनोटिफाई करने का नीतिगत फैसला लिया है। इसी के तहत इन संस्थानों को बंद किया गया है और अब जरूरत के हिसाब से इन्हें खोलने का फैसला भी लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने बिना बजट और बिना स्टाफ के सैंकड़ों संस्थान खोल दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 12 हजार पद खाली पड़े हैं। इसके बावजूद पूर्व सरकार ने महज राजनीतिक लाभ लेने के लिए सैंकड़ों की संख्या में शिक्षण संस्थान खोले। सीएम ने कहा कि उनकी सरकार पहले लैक्चररों के खाली पद भरेगी और उसके बाद नए संस्थान खोलेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा चुनावी वर्ष में खोले गए 23 काॅलेजों के लिए 1-1 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया था। इसी तरह पूर्व भाजपा सरकार द्वारा खोले गए 140 स्वास्थ्य संस्थानों में से केवल 9 संस्थानों के लिए वित्त विभाग की मंजूरी की गई। इसी तरह राजस्व सहित अन्य विभागों में भी बिना बजट प्रावधान के सैकड़ों संस्थान खोले गए। सीएम ने कहा कि हिमाचल में व्यवस्था परिवर्तन हो रहा है, तभी विपक्ष में हलचल हो रही है। उन्हें नेता प्रतिपक्ष जयराम पर तंज कसा कि वे तोलकर बोलते हैं लेकिन आज भाजपा विधायकों की भाषा बोल रहे हैं। जयराम अपने विधायकों को लगाम लगाएं, नहीं तो कुर्सी खतरे में पड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने उनके विधानसभा क्षेत्र में भी 4 स्कूल बंद किए थे। उन्होंने कहा कि सरकार रिक्त पड़े खाली पदों को भी भरेगी।