देहरा सीट पर पेंच फंसा तो BJP ने बदला उम्मीदवार, अंदरुनी कलह बिगाड़ सकती है गणित
हिमाचल प्रदेश की देहरा विधानसभा सीट पर भाजपा का दबदबा है. 2008 परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई इस सीट पर अब तक दो बार चुनाव हो चुके हैं, इनमें एक बार बीजेपी ने जीत हासिल की है तो दूसरी बार निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली है. 2012 और 2017 दोनों ही चुनावों में कांग्रेस पार्टी को तीसरे नंबर पर रहकर संतोष करना पड़ा है. देखना ये होगा कि इस बार इस सीट पर चुनावी ऊंट किस करवट बैठता है.
देहरा के बारे में जानें
2008 परिसीमन के बाद ये विधानसभा अस्तित्व में आई थी, इससे पहले ये ज्वालामुखी का हिस्सा था, नए परिसीमन में ज्वालामुखी और परागपुर विधानसभा के कई इलाकों को काट कर देहरा में शामिल किया गया था. यह सारी कवायद परागपुर विधानसभा क्षेत्र के लंबे चौड़े क्षेत्र को कम करने के मकसद से की गई थी.
2012 में जीती थी भाजपा
2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के रविंद्र सिंह विधायक चुने गए थे. उन्हें 24463 वोट मिले थे, जब दूसरे नंबर पर रहे निर्दलीय उम्मीदवार को 9170 वोट से संतोष करना पड़ा था, कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी, वोट शेयर की बात करें तो भाजपा को 52.2% तथा निर्दलीय उम्मीदवार को 19.5% वोट शेयर मिला था.
2017 में मिली निर्दलीय विधायक को जीत
2017 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार होशियार सिंह विधायक चुने गए थे, उन्होंने भाजपा उम्मीदवार रविंद्र सिंह को हराया था, इस चुनाव में होशियार सिंह को 24206 वोट मिले थे जबकि रविंद्र को 20292 वोट से संतोष करना पड़ा था. इसी तरह इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार को 44.32% और भाजपा को 31.16% वोट शेयर मिला था.
बीजेपी ने बदला उम्मीदवार
देहरा सीट को लेकर इस बार पेंच ऐसा फंसा कि बीजेपी को उम्मीदवार ही बदलना पड़ा, दरअसल पिछले चुनाव में यहां से जीतने वाले निर्दलीय प्रत्याशी होशियार सिंह चार माह पहले ही बीजेपी में शामिल हो गए थे और टिकट के दावेदार थे, होशियार सिंह ने पूर्व मंत्री रविंद्र सिंह रवि को हराया था, ऐसेे में बीजेपी ने यहां से टिकट ज्वालामुखी सीट से जीते रमेश धवाला को थमा दिया और रविंद्र सिंह रवि की सीट बदल दी. यदि इस बार भी होशियार सिंह निर्दलीय खड़े होते हैं तो बीजेपी की ताकत बंट सकती है. ऐसे में अंदरखाने चल रही कलह से निपटना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती दिख रही है.
जातीय समीकरण
देहरा में ओबीसी मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है, यहां 40% ओबीसी हैं, जबकि राजपूत 25% व एससी मतदाता 18% तथा अन्य जातियां 17% हैं.
कुल मतदाता – 79427 पुरुष – 39270 महिला – 40154 थर्ड जेंडर- 3