गर्मी बढ़ने के साथ ही पर्यटकों ने मंडी जिले के पर्यटन स्थलों का रुख करना शुरू किया
अब पर्यटक मनाली-शिमला की भीड़-भाड़ और प्रदूषण से दूर जिले के अछूते पर्यटक स्थलों में शांति का आराम करना चाहते हैं
मंडी: मैदानी राज्यों में गर्मी बढ़ने के साथ ही पर्यटकों ने मंडी जिले के पर्यटन स्थलों का रुख करना शुरू कर दिया है. इन दिनों पहाड़ों पर पर्यटकों की भीड़ बढ़ गई है। अब पर्यटक मनाली-शिमला की भीड़-भाड़ और प्रदूषण से दूर जिले के अछूते पर्यटक स्थलों में शांति का आराम करना चाहते हैं। इन दिनों सिराज घाटी के जंजैहली में होटल व्यवसायी मनोरंजन के साथ-साथ सिराज नाटी सिखाकर और नृत्य करके पर्यटकों को सिराज संस्कृति से परिचित कराते हैं।
होटल व्यवसायी सिराजी जंजैहली आने वाले पर्यटकों के लिए एक विशेष नृत्य का आयोजन कर रहे हैं। जिससे घाटी पहुंचे पर्यटक यहां के सांस्कृतिक मनोरंजन का आनंद ले रहे हैं. स्थानीय होटल व्यवसायी पर्यटकों को भुलाह, शिकारी देवी, तुंगसी गढ़, शैटाधार और बूढ़ाकेदार ले जा रहे हैं और शाम को होटलों में सिराजी नाटी पर नृत्य कर रहे हैं। इसके साथ ही JATA (जंजैहली टूरिज्म एडवेंचर एसोसिएशन) के स्वयंसेवक जंजैहली घाटी में आने वाले पर्यटकों को स्थानीय पारंपरिक व्यंजन खिला रहे हैं और उन्हें घाटी के त्योहार से परिचित करा रहे हैं। जंजैहली एडवेंचर टूरिज्म एसोसिएशन के प्रधान प्रकाश ठाकुर ने कहा कि जंजैहली एक पर्यटन स्थल बन रहा है। देश-विदेश से पर्यटक यहां दस्तक दे रहे हैं। ठाकुर के मुताबिक पर्यटकों को गांव का भ्रमण भी कराया जा रहा है, ताकि पर्यटक गांव की संस्कृति से भी परिचित हो सकें. जंजैहली के होटल व्यवसायी प्रकाश ठाकुर, ललित शर्मा, देवेन्द्र शर्मा और गुलजारी लाल ने कहा कि जंजैहली में पर्यटकों के आने से पर्यटन व्यवसाय बढ़ रहा है और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। जंजैहली घाटी एक अछूता पर्यटन स्थल है जिसे अब पहचान मिल रही है।
आपको बता दें कि कुल्लू-मनाली और शिमला में बढ़ती पर्यटकों की भीड़ के बीच पर्यटक प्रकृति के बीच समय बिताने के लिए अनछुए पर्यटन स्थलों का रुख कर रहे हैं. पर्यटक बिना किसी परेशानी के एकांत घाटियों में प्रकृति के बीच समय बिता रहे हैं। जिससे मंडी में पर्यटन को भी पंख लग रहे हैं।