हमीरपुर: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर को आखिर 13 साल बाद रेगुलर रजिस्ट्रार मिल ही गया। साक्षात्कार के बाद शॉर्टलिस्टड किए गए 14 लोगों में से गुजरात से ताल्लुक रखने वालीं डा. अर्चना संतोष ननॉटी को एनआईटी हमीरपुर में रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्ति दी गई है। गुजरात के बड़ोदा की रहने वाली डा. अर्चना बेहरीन ट्रेनर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर कंसल्टेंट के अलावा युजिक थैरेपिस्ट, सिंगर और मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। वहीं संस्थान में खाली चल रहे तीन में से एक डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पर उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले पंकज कुमार वर्मा को तैनाती दी गई है। डिप्टी रजिस्ट्रार के लिए 43 आवेदकों ने आवेदन किया था, जिनमें से 10 लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया था।
बता दें कि गत 19 और 20 जून को इन पदों के लिए साक्षात्कार लिए गए थे। एनआईटी प्रबंधन की ओर शैक्षणिक के अलावा अन्य सभी योग्यताएं पूरी करने वाले इन पदों दावेदारों की लिस्ट बीओजी को भेजी गई थी। बीओजी से मंजूरी मिलने के बाद डा. अर्चना संतोष ननॉटी को रजिस्ट्रार और पंकज कुमार वर्मा को डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्ति दे दी गई है। साढ़े चार हजार स्टूडेंट्स और दर्जनों फैकल्टी स्टाफ और सैकड़ों रेगुलर और आउटसोर्स कर्मचारियों वाले एनआईटी हमीरपुर में 13 वर्षों से रेगुलर रजिस्ट्रार की नियुक्ति नहीं हो सकी थी। उधर, एनआईटी के डायरेक्टर प्रो. एचएम सूर्यवंशी के अनुसार रजिस्ट्रार और डिप्टी रजिस्ट्रार पदों पर नियुक्तियां कर दी गई हैं। सिलेक्ट हुए दोनों अधिकारी जल्द ही कार्यभार संभाल लेंगे।
संस्थान की प्रमुख कड़ी होता है रजिस्ट्रार
वर्ष 2010 के बाद की स्थिति को देखें तो रेगुलर रजिस्ट्रार के लिए अब तक इंटरव्यू तो कई बार हुए, लेकिन कभी सिरे नहीं चढ़े। बता दें कि रजिस्ट्रार अथवा कुल सचिव किसी भी बड़े संस्थान की व्यवस्थाओं को चलाने की सबसे अहम कड़ी होती है। गौरतलब हो कि वर्ष 2010 में एनआईटी हमीरपुर में रेगुलर रजिस्ट्रार के रूप में मनीष कुमार जिंदल तैनात थे। उनके जाने के बाद इसी संस्थान के पांच प्रोफेसर कार्यकारी रजिस्ट्रार रहे हैं। इनमें एसके सिंघा, सुशील चौहान, सुनील चौधरी, योगेश गुप्ता व राजेश्वर बांश्टू शामिल हैं।