कांगड़ा के केंद्रीय सहकारी बैंक में आया एक और केस, गलत तरीके से डिफाल्टर फर्म को लोन देने का मामला

Update: 2022-06-10 11:03 GMT

हिमाचल क्राइम न्यूज़: कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक का एक और मामला खुल गया है। हाल ही में इस बैंक में दो मामलों में एफआईआर हुई है। इसमें एक मामला गलत तरीके से डिफाल्टर फर्म को लोन देने का है और दूसरा पद का दुरुपयोग कर किसी निजी व्यक्ति को फायदा पहुंचाने का है। इन दोनों मामलों में बैंक के पूर्व चेयरमैन और पूर्व एमडी आरोपी बनाए गए हैं। अब तीसरा केस खुल गया है। यह मामला पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान वर्ष 2016 में हुई भर्तियों को लेकर है। इन भर्तियों पर धांधली के आरोप लगे थे और भाजपा चार्जशीट में भी इस केस को शामिल किया गया था। इसके आधार पर विजिलेंस ब्यूरो में यह केस गया और प्रारंभिक जांच में जो तथ्य मिले हैं। पूर्व मुख्यमंत्री के सुरक्षा अधिकारी की बेटी को इस भर्ती के दौरान जमा दो के बजाय आईटीआई सर्टिफिकेट पर नौकरी दी गई, जबकि भर्ती के विज्ञापन में आईटीआई सर्टिफिकेट का कोई जिक्र नहीं था। विजिलेंस ब्यूरो ने अभी सारे मामले में जांच को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी है।

गृह विभाग ने अभियोजन मंजूरी के लिए फाइल पंजीयक सहकारी सभाएं कार्यालय को भेज दी है। वहां से अनुमति आने के बाद इस मामले में भी अलग एफआईआर दर्ज होगी। यह पिछले कुछ अर्से में इस बैंक से संबंधित तीसरी एफआईआर होने वाली है। इन्हीं भर्तियों के दौरान राज्य सहकारी बैंक शिमला पर भी कुछ आरोप लगे थे और इनका उल्लेख भी भाजपा चार्जशीट में था, लेकिन विजिलेंस ब्यूरो की प्रारंभिक जांच में सरकारी बैंक को क्लीन चिट दे दी गई है। वहीं सरकार ने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन जगदीश सिपहिया से 3 लाख से ज्यादा की रिकवरी करने के आदेश दिए हैं। आरोप है कि पूर्व अध्यक्ष ने इस पद पर रहते हुए बहुत सी विदेश यात्राएं ऐसी की जिनमें सरकार की मंजूरी नहीं दी गई थी। इसी दौरान हुए खर्चे की रिकवरी के आदेश अब हुए हैं।

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