3 माह का वेतन न मिलने से नाराज धौलासिद्ध प्रोजैक्ट के मजदूरों ने किया प्रदर्शन
हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश भवन एवं सड़क निर्माण मजदूर यूनियन से संबंधित धौलासिद्ध प्रोजैक्ट मजदूर यूनियन ने वीरवार को गेट मीटिंग कर कंपनी मैनेजमैंट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रोजैक्ट में काम कर रहे मजदूरों को पिछले तीन माह का मार्च, अप्रैल और मई का वेतन नहीं मिला है, जिसको लेकर मजदूर काफी नाराज हैं। गौरतलब है कि उक्त कंपनी प्रोजैक्ट के अंदर श्रम कानूनों को लागू न करके मजदूरों का शोषण करने में जुटी है जिसके चलते परियोजना में मजदूरों से 12 घंटे की मजदूरी करवाई जा रही है जोकि श्रम कानूनों के विरुद्ध है। यही नहीं मजदूरों को मासिक वेतन देने के लिए कोई भी तिथि निर्धारित नहीं की गई जिसके कारण मजदूरों में कंपनी के खिलाफ खासा रोष है। श्रम कानूनों के अनुसार किसी भी मजदूर से 8 घंटे काम लिया जा सकता है। यदि उसके बाद मजदूर काम करता है तो उसे ओवरटाइम का डबल भुगतान किया जाता है जोकि नहीं दिया जा रहा है। मजदूरों को न ही आई कार्ड मिले हैं, जिसके चलते भविष्य में अगर कोई दुर्घटना होती है तो कंपनी प्रबंधन उन्हें अपना मजदूर मानने से इंकार कर सकता है। धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए धौलासिद्ध प्रोजैक्ट यूनियन के महासचिव साथी संतोष कुमार ने कंपनी प्रबंधन को चेताया है कि परियोजना में श्रम कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए और प्रोजैक्ट के मजदूरों व ठेका मजदूरों को नियमित समय पर वेतन दिया जाए।
उन्होंने कहा कि मजदूरों को न पे स्लिप, न अटैंडैंस कार्ड, न ही आई कार्ड दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 5 महीने पहले 2 मजदूरों की डूबने से हुई मौत का मुआवजा उनके परिवारों को बार-बार कहने के बावजूद भी नहीं दिया गया है। इसके अलावा मजदूरों को मैस के अंदर दिए जाने वाले खाने की गुणवत्ता अच्छी नहीं है जिसके लिए हर महीने प्रत्येक मजदूर से 4500 रुपए खाने के लिए वसूले जाते हैं। उन्होंने कहा कि खाने की गुणवत्ता में भारी कमी है जिसके चलते मजदूर को मिलने वाले पोषक तत्वों की कमी से बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। कंपनी प्रबंधन मजदूरों का शोषण करके अपना मुनाफा बढ़ाने में जुटी है जिसका मजदूरों में रोष है। उन्होंने प्रदेश सरकार व स्थानीय प्रशासन से भी इन मुद्दों को लेकर संज्ञान लेने की मांग की है जिससे मजदूरों के हितों को सुरक्षित किया जा सके। निर्माण मजदूर फैडरेशन के जिलाध्यक्ष सुरेश राठौर व महासचिव रंजन शर्मा ने कहा कि अगर कंपनी प्रबंधन मजदूरों की मांगों को नहीं मानता है तो आने वाले समय में मजदूरों की लामबंदी करके कंपनी प्रबंधन के खिलाफ काम को बंद करके एक लंबा आंदोलन चलाया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी कंपनी प्रबंधन की होगी। इसलिए प्रोजैक्ट को बनाने वाली कंपनी को चेतावनी दी है कि मजदूरों की मांगों को माना जाए जिससे मजदूरों का शोषण न हो। इस बारे में उपायुक्त हमीरपुर हेमराज बैरवा ने बताया कि इस तरह का मामला उनके ध्यान में नहीं आया है। उन्होंने कहा कि यदि मैनेजमैंट या यूनियन उनके पास आती है तो उनकी समस्याओं को दूर किया जाएगा।