विधायक विक्रमादित्य को छोड़ सभी विधायकों का गंगाजल से होगा शुद्धिकरण : देवभूमि क्षत्रिय संगठन
सवर्ण आयोग की मांग (demand for upper caste commission) को लेकर देवभूमि सवर्ण मोर्चा (Devbhoomi Savarna Morcha) और देवभूमि क्षत्रिय संगठन (Devbhoomi Kshatriya Organization) की पदयात्रा सोलन से सराहां सिरमौर की ओर रवाना हुई.
जनता से रिश्ता। सवर्ण आयोग की मांग (demand for upper caste commission) को लेकर देवभूमि सवर्ण मोर्चा (Devbhoomi Savarna Morcha) और देवभूमि क्षत्रिय संगठन (Devbhoomi Kshatriya Organization) की पदयात्रा सोलन से सराहां सिरमौर की ओर रवाना हुई. 15 नवंबर से शिमला विधानसभा से शुरू हुई इस पदयात्रा का समापन 10 दिसम्बर को धर्मशाला में आयोजित शीतकालीन सत्र में होगा.
सोलन से धर्मपुर की ओर जाते हुए पदयात्रा के दौरान देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने कहा कि सवर्ण आयोग की मांग पर हिमाचल विधानसभा में बैठे 68 विधायकों में से सिर्फ शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने उनकी बात पर चिंतन किया है जिसको लेकर वे उनका धन्यवाद करते हैं. उन्होंने कहा कि शिमला से हरिद्वार और हरिद्वार से धर्मशाला तक होने वाली इस पदयात्रा के अंतिम दिन धर्मशाला में पहुंचकर सिर्फ शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह को छोड़कर सभी विधायकों का हरिद्वार से लाए गंगाजल से शुद्धिकरण किया जाएगा.रुमित सिंह ठाकुर ने कहा कि यह यात्रा समाज में आपसी भाईचारे, समानता और सवर्ण आयोग गठन की मांग के लिए की जा रही है. सवर्ण समाज के लोग जातिगत आरक्षण (caste reservation), एट्रोसिटी एक्ट (atrocity act) कानूनों से आहत हैं और इन सब कानूनों का शव यात्रा निकालकर हरिद्वार में 'पिंडदान' किया जाएगा.उन्होंने कहा कि यदि कोई समाज का वर्ग उनकी इस यात्रा का विरोध कर रहा है और उनके खिलाफ मामला दर्ज करवा रहा है तो करवाएं क्योंकि मामले दर्ज होने से उनकी आवाज ज्यादा बुलंद होने वाली है. उन्होंने कहा कि उनकी इस यात्रा का उद्देश्य किसी भी समाज के वर्ग का विरोध करना नहीं है बल्कि हम अपने हक के लिए लड़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनकी ये यात्रा नंगे पांव निकाली जा रही है और पदयात्रा के दौरान सवर्ण समाज का कोई भी व्यक्ति होटल-ढाबों का खाना नहीं खा रहा है. उन्होंने बताया कि हरिद्वार में पिंडदान करने के उपरांत आर्थिक आधार पर आरक्षण का गंगाजल हरिद्वार से लाया जाएगा और यमुनानगर, चंडीगढ़, ऊना से होते हुए 800 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद दस दिसम्बर को धर्मशाला शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा और सवर्ण आयोग का गठन का समर्थन न करने वाले नेताओं का शुद्धिकरण किया जाएगा.