लद्दाख, अरुणाचल के बाद अब हिमाचल बॉर्डर पर चीनी साजिश का खुलासा, कर रहा कुछ ऐसा...
शिमला: लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के बाद अब चीन हिमाचल बॉर्डर पर भी लगातार सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है। हिमाचल के किन्नौर और लाहौल और स्पीति जिलों से सटे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के 240 किलोमीटर लंबे हिस्से में सड़क, पुल और हेलीपैड के निर्माण में तेजी लाने के साथ ही सैन्य उपस्थिति भी बढ़ा रहा है।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को अपनी रिपोर्ट में राज्य पुलिस ने दो दूरस्थ जिलों में LAC पर नौ दर्रों के साथ चीनी सेना के निर्माण और बुनियादी ढांचे के तेजी से निर्माण का हवाला दिया है। हिमाचल के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने बताया है कि पिछले एक साल के दौरान चीन ने सेना की उपस्थिति बढ़ाई है। हिमाचल प्रदेश के साथ सीमा पर अपने बुनियादी ढांचे और निगरानी क्षमता में सुधार किया है।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट मुताबिक चीन ने पारेचु नदी के उत्तरी किनारे के चुरुप इलाके में नई सड़क का निर्माण कर रहा है। चीन बॉर्डर इलाके के शाक्तोट, चुरुप और डनमुर गांवों में भी तेजी से काम कर रहा है। चीन इन गांवों में नई बिल्डिंग के साथ ही हाई-क्वालिटी सर्विलांस इक्विपमेंट भी लगा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने मांजा और शांगरांगला के बीच लप्चा दर्रे के नजदीक रांडो गांव में अपने स्थायी अड्डे के करीब तेजी से निर्माण काम में जुटा हुआ है। इस क्षेत्र में भारी मशीनरी और वाहनों की आवाजाही की सूचना मिली है। चीनी सेना लप्चा पास में सैनिकों के लिए घर बना रही है। इसके साथ ही क्यूक गांव में कंस्ट्रक्शन का सामान भी जमा किया हुआ है।
हिमाचल प्रदेश का बॉर्डर 1962 युद्ध के दौरान भी शांत रहा था लेकिन हाल के दिनों में चीनी सेना ने इलाके में गतिविधियां तेज कर दी हैं। चीनी वायु सेना ने कई बार भारतीय वायु सीमा को भी लांघा है। किन्नौर के संवेदनशील कौरिक सेक्टर में पिछले साल दो बार हेलीकॉप्टर घुसपैठ की रिपोर्ट आई थी। स्पीति के एक गांव के पास चट्टानों पर चीनी निशान पाए गए। गश्ती दलों को भारतीय क्षेत्र के एक किलोमीटर अंदर चीनी सैनिकों द्वारा छोड़ी गई बीयर की बोतलें और एनर्जी ड्रिंक भी मिली हैं।
चीन ने क्योरब्रांग दर्रे के पास री गांव में 5 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई है। चीन ने खेमकुर दर्रे के पास शियुल से खेमकुल को जोड़ने वाली सड़क को चौड़ा कर दिया है। घुगरंग दर्रे पर भी सड़क बनाई जा रही है।
भारतीय सेना ने सितंबर में किन्नौर के गुंगरंग दर्रे पर आठ चीनी सैनिकों की एक टीम का पता लगाया था जहां दोनों पक्षों के सैनिकों ने वापस जाओ के नारे लगाए थे।
पिछले साल हिमाचल प्रदेश के पुलिस प्रमुख कुंडू ने बॉर्डर की स्थिति का आकलन करने के लिए पांच टीमों को भेजा था। इस टीम ने हिमाचल प्रदेश सरकार को एक मजबूत कम्युनिकेशन सिस्टम विकसित करने की सिफारिश की थी। टीम ने स्पीति घाटी में एक हवाई पट्टी का निर्माण, किन्नौर और लाहौल-स्पीति स्काउट्स की बटालियनों को सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात करने की भी सलाह दी थी। सरकार से इमरजेंसी स्थिति में निकासी योजना तैयार करने की अपील की गई थी।