Himachal Pradesh,हिमाचल प्रदेश: कांगड़ा जिले Kangra district में पालतू और आवारा पशुओं की 21वीं गणना शुरू हो गई है और विभाग के कर्मचारी जल्द ही इस कार्य को पूरा करने के लिए घर-घर जाते नजर आएंगे। इस प्रक्रिया के जरिए प्रत्येक किसान द्वारा पाले गए पशुओं का डाटा लिया जाएगा और उसे मोबाइल एप में डाला जाएगा। पशुपालन विभाग की पहल पर गणना की यह प्रक्रिया 31 दिसंबर तक जारी रहने की संभावना है। खाका तैयार करने के बाद कांगड़ा जिले में पशुपालन विभाग ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। उसने पशुपालकों से अपने पालतू पशुओं का सही डाटा उपलब्ध कराने की अपील की है, ताकि सही आंकड़े उपलब्ध हो सकें।
द ट्रिब्यून से बातचीत में पशुपालन विभाग की उपनिदेशक सीमा गुलेरिया ने कहा, "जिले में पालतू और आवारा सभी पशुओं की गणना की जाएगी। विभाग के फार्मासिस्ट गणनाकर्ता होंगे।" उनके अनुसार, एकत्र किए गए आंकड़े भविष्य की सभी परियोजनाओं, योजनाओं और फंड आवंटन को तय करने में उपयोगी होंगे। विभाग जिले के गांव-गांव जाकर पालतू पशुओं की संख्या की गणना करेगा। गांवों में लोग अपने घरों में जो गाय, भैंस, भेड़, बकरी, मुर्गी और कुत्ते पालते हैं, उनका डाटा ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा। इस साल की पशु गणना में पालतू कुत्तों को भी शामिल किया गया है। सर्वे में घर के मुखिया का नाम, जाति और शिक्षा जैसी जानकारियां अपलोड की जाएंगी। पशु की नस्ल जैसी बारीक जानकारियां भी शामिल की जाएंगी। पशु गणना हर 5 से 6 साल बाद की जाती है। यह 21वीं पशु गणना है, पिछली गणना पूरे प्रदेश में वर्ष 2017-18 में की गई थी। अंत में डाटा मोबाइल एप पर ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा। गणना के लिए करीब 700 कर्मचारी अपनी सेवाएं देंगे।