हिमाचल में लगी आग से 17 हजार हेक्टेयर जंगल राख, तीन की हुई मौत

Update: 2022-06-11 10:15 GMT

हिमाचल न्यूज़: जंगल की आग प्रदेश में अब तक करीब 17 हजार हेक्टेयर वन संपदा को निगल चुकी है। प्रदेश में धधक रहे जंगलों से वन विभाग को साढ़े चार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जबकि आग बुझाने के दौरान हुए हादसों में अब तक तीन की मौत हो चुकी है। इनमें से दो वन निगम के कर्मचारी शामिल हैं, जबकि एक अन्य महिला की मौत नालागढ़ में हुई है। करीब आधा दर्जन कर्मचारी घायल भी हो चुके हैं। सिरमौर, सोलन और ऊना में जंगल की आग से मौत के मामले दर्ज हुए हैं। अब तक आग की भेंट चढ़े बहुत से ऐसे पौधे थे, जिन्हें विभाग ने महज दो साल पहले ही रोपा था। वन विभाग की नर्सरी भी आग की भेंट चढ़ी है। सबसे ज्यादा अग्रिकांड चीड़ के जंगलों वाली जगहों पर हुए हैं। यहां छोटी सी चिंगारी बड़े अग्रिकांड का कारण बनी हैं। फिलहाल, जंगलों में आग नेे तबाही मचा रखी है। अब तक प्रदेश भर में दो हजार से ज्यादा अग्रिकांड के मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें से ज्यादातर मामलों में वन विभाग ने एफआईआर भी दर्ज करवाई है। यह मामले अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। अग्रिकांड के दौरान हुई मौत के मामलों की बात करें, तो 20 मई को ऊना जिला में सबसे पहला मामला सामने आया था। इस दौरान आग बुझाने का प्रयास कर रहे वनरक्षक राजेश कुमार की आग की चपेट में आने से मौत हो गई थी। राजेश कुमार को 90 फीसदी झुलसने के बाद अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। सिरमौर जिला के नाहन में वन विभाग के कर्मचारी की आग बुझाने के दौरान मौत हुई है।

साथ ही सोलन जिला के नालागढ़ में जंगल की आग को बुझाने का प्रयास कर रही एक महिला की भी दर्दनाक मौत हुई है। इसके अलावा बंगाणा में धुएं की चपेट में आने से तीन कर्मचारी घायल हुए थे, जिन्हें समय रहते स्थानीय लोगों ने बचा लिया। कसौली में अग्रिशमन विभाग के एक कर्मचारी समेत दो वन विभाग के कर्मचारी भी आग बुझाते समय घायल हो गए थे। पिछले एक हफ्ते के दौरान शिमला, सोलन, बिलासपुर और हमीरपुर जिलों में अग्रिकांड की घटनाएं सामने आई हैं। जंगल में आग की घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग ने लोगों के घर-घर जाकर जागरूक करने की भी योजना तैयार की थी। इस योजना पर मई महीने में कई जिलों में अभियान चलाए गए। इन अभियानों में लोगों को जंगलों में आग के कारण और उनकी रोकथाम के बारे में जागरूक किया गया, लेकिन इसके बावजूद अग्रिकांड की घटनाएं प्रदेश में कम नहीं हुई हैं। उधर, वन विभाग के प्रधान मुख्य अरण्यपाल अजय श्रीवास्तव ने बताया कि अग्रिकांड की घटनाओं को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जंगलों में आग न लगाने के लिए लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है। 

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