शिमला: सरकारी स्कूलों को अब सौर ऊर्जा से जोडऩे की कवायद पूरे प्रदेश भर में शुरू हो चुकी है। हिम ऊर्जा विभाग ने सर्वशिक्षा अभियान की मदद से यह अभियान छेड़ा है। अभियान का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में बिजली की खपत को कम करना और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना है। अभियान पर अभी तक 11 करोड़ 23 लाख से ज्यादा की धनराशि खर्च की जा चुकी है। इसके आने वाले दिनों में और अधिक बढऩे की संभावना जताई जा रही है। स्कूलों में एक से तीन किलोवाट तक के प्रोजेक्ट लगाए जा रहे हैं। यह प्रोजेक्ट उन स्कूलों में ज्यादा महत्त्वपूर्व साबित हो रहे हैं, जो दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित हैं और जहां अकसर बिजली कटौती की संभावना बनी रहती है। स्कूलों में लोड के हिसाब से सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
इनमें बिजली का उत्पादन अधिक होता है तो उसे ग्रिड के माध्यम से बिजली बोर्ड को बेचने की व्यवस्था भी की गई है। इससे स्कूलों में ना सिर्फ बिजली की आपूर्ति होने वाली है, बल्कि इस आपूर्ति से तमाम स्कूल अपने स्तर पर बिजली बेचकर राजस्व भी कमा पाएंगे। अब तक प्रदेश भर में 292 सरकारी स्कूलों को अप ग्रिड सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं। इन प्लांट की कुल क्षमता 721 किलोवाट है। ऊर्जा विभाग ने अब तक 31 स्कूलों में 1-1 किलोवाट, 91 स्कूलों में दो किलोवाट और 169 स्कूलों में तीन-तीन किलोवाट क्षमता आफ ग्रिड सोलर प्लांट स्थापित किए गए हैं। इन सभी को व्यवस्थित करने में करीब 11 करोड़ 23 लाख 20 हजार रुपए खर्च किए गए हैं।
भविष्य में भी होंगे ऐसे प्रयास: हिम ऊर्जा कार्यकारी अधिकारी राहुल कुमार ने बताया कि सरकारी स्कूलों को सौर ऊर्जा से जोडऩे की कवायद शुरू की गई है। इस अभियान के दौरान अब तक 292 स्कूलों में 721 किलोवाट क्षमता के ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं। इन प्लांट पर 11 करोड़ 23 लाख 20 हजार रुपए की धनराशि खर्च की गई है। भविष्य में अन्य स्कूलों में भी इस तरह का प्रयास किया जाएगा।