15 हजार श्रद्धालुओं-ब्राह्मणों ने पुष्पवर्षा कर होली खेली

Update: 2023-06-13 08:25 GMT

शिमला न्यूज़: नेरवा में 5 जून से शुरू हुई श्रीमद्भागवत पुराण कथा रविवार की देर शाम विधिवत संपन्न हुई। कथा के अंतिम दिन पंद्रह हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भक्तिरस का पान किया। प्रतिदिन तीन बजे समाप्त होने वाली पुराण कथा अंतिम दिन चार बजे तक चली। इस दौरान सुबह आठ बजे से पंडाल व पंडाल के बाहर बैठे श्रद्धालु आठ घंटे तक अपने-अपने स्थान पर डटे रहे। खास बात यह है कि कथा के अंतिम दिन पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों से भी हजारों की संख्या में लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

कथा के वेद व्यास गौरव कृष्ण गोस्वामी ने अपने प्रवचन में कहा कि जिस वाणी से भगवान का नाम लिया जाता है उसे अपशब्दों के प्रयोग से अपवित्र नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के दौर में पहले माता-पिता के पास बच्चों को देने के लिए समय नहीं होता था, जबकि बच्चे चाहते हैं कि माता-पिता उन्हें समय दें। इसके बाद जब बच्चे बड़े हो जाते हैं और माता-पिता बूढ़े हो जाते हैं तो बच्चे पैसे कमाने में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि उनके पास उनके लिए समय ही नहीं रहता, जबकि माता-पिता चाहते हैं कि बच्चे उनके साथ रहें और उनकी देखभाल करें। कथा के अंत में वेदव्यास, कथा वेदी में बैठे ब्राह्मणों और भक्तों ने आपस में पुष्पवर्षा कर होली खेली। कथा समाप्ति के बाद प्रतिदिन की भांति विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। कथा के अंतिम भजन संध्या में कुल्लू से आए राकेश वोकल व लाल सिंह व पार्टी ने ऐसा माहौल बनाया कि पार्टी के मुख्य कलाकार राकेश व लाल सिंह ने स्वयं नृत्य करते हुए पांच हजार भक्तों को मंच पर बैठा दिया. देर रात तक पंडाल नाचता रहा।

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