प्रतिबंधित नशीली दवाएं बेचने वाले दोषी को 10 वर्ष का कठोर कारावास

Update: 2023-08-19 11:37 GMT

चंबा। जिला चंबा में प्रतिबंधित नशीली दवाएं बेचने के आरोप में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्स्टांसैस एक्ट की धारा 22 अंडर सी के तहत एक आरोपी को दोषी करार दिया है। इसके साथ ही आरोपी को 10 वर्ष के कठोर कारावास व एक लाख रुपए के जुर्माने की सज़ा भी सुनाई है।

यह सज़ा स्पैशल जज कम जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंबा पीआर पहाड़िया की अदालत ने सुनाई है। उन्होंने बताया कि यदि आरोपी किसी सूरत में जुर्माना अदा नहीं करता तो उसे एक वर्ष का अतरिक्त कारावास भुगतना होगा। आरोपी की पहचान इमरान पुत्र यूसुफ मोहम्मद निवासी गांव बन्नू डाकघर सुल्तानपुर जिला चंबा के रूप में हुई है। 7 अगस्त, 2018 को पुलिस थाना चंबा सदर प्रभारी इंस्पैक्टर प्रशांत ठाकुर को गुप्त सूचना मिली कि इमरान अपने घर में प्रतिबंधित नशीली दवाएं बेचता था। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने सीजेएम कोर्ट से सर्च वारंट हासिल कर ड्रग इंस्पैक्टर की टीम के साथ मिलकर इमरान के घर में दबिश दी।

पुलिस व ड्रग इंस्पैक्टर की टीम ने इमरान के घर के कमरे से भारी मात्रा में प्रतिबंधित नशीली दवाओं की खेप बरामद की। पुलिस की पूछताछ में इमरान मौके पर इन दवाओं को घर में रखने का वैध परमिट या दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया। पुलिस टीम ने इमरान के कब्जे से 786567 रुपए की नकदी भी बरामद की। इसके बाद इमरान के खिलाफ प्रतिबंधित नशीली दवाएं बेचने के आरोप में मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मामले से जुड़ी कागजी औपचारिकताएं निपटाने के बाद चालान आगामी कार्यवाही के लिए अदालत में दायर कर दिया। अभियोजन पक्ष ने अदालत में 21 गवाह पेश कर इमरान पर लगे आरोप को साबित किया।

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इमरान को दोषी करार देते हुए उक्त सजा सुनाई। बता दें अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में मुकद्दमे की पैरवी जिला न्यायवादी विजय रेहालिया और उप जिला न्यायवादी धर्मशाल कैंप ऐट चम्बा सोहम कौशल ने की।

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