हरियाणा के मेवात जिले में खाद के लिए लाइन में लगीं महिला किसान, वितरण पर निगरानी रखेंगे अधिकारी

मुख्यमंत्री ने रविवार शाम अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें डीएपी खाद की उपलब्धता व डिमांड पर चर्चा की गई.

Update: 2021-10-25 05:39 GMT

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि प्रदेश में डीएपी (DAP) खाद की कमी नहीं रहने दी जाएगी. हालांकि बाजार में इस साल डीएपी खाद पिछले साल की तुलना में 11 हजार मिट्रिक टन अधिक मात्रा में उपलब्ध है, फिर भी किसानों की मांग को देखते हुए उन्होंने केंद्रीय केमिकल एवं फर्टिलाइजर मंत्री मनसुख मांडविया से फोन पर बातचीत कर 6 अतिरिक्त रैक बढ़ाने की मांग की है. जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सहमति जता दी है. उन्होंने किसानों से धैर्य बनाए रखने के लिए अपील की है.

सीएम ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के किसानों के लिए 24 रैक डीएपी उपलब्ध है, 5 रैक और आएंगे. रविवार को केंद्रीय मंत्री से बात करने के बाद 6 अतिरिक्त रैक आने पर 31 अक्तूबर तक प्रदेश के पास कुल 11 रैक और उपलब्ध होंगे. मुख्यमंत्री की ओर से राज्य की सीमाओं पर भी सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं ताकि प्रदेश से डीएपी की अन्य राज्यों में कालाबाजारी न की जा सके.
बैठक में की गई चर्चा
मुख्यमंत्री ने रविवार शाम अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें डीएपी खाद की उपलब्धता व डिमांड पर चर्चा की गई. उन्होंने प्रदेश के सीमावर्ती जिलों रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, भिवानी, नूह तथा झज्जर के उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में नाके लगाकर प्रदेश से बाहर जाने वाले वाहनों की जांच-पड़ताल करें ताकि डीएपी खाद को प्रदेश से बाहर अवैध तौर पर न ले जाया जा सके.
वितरण पर निगरानी रखेंगे अधिकारी
मुख्यमंत्री ने डीएपी की मांग से बनी परिस्थितियों पर पैनी नजर रखने के लिए उक्त 6 जिलों के लिए तुरंत प्रभाव से प्रशासनिक सचिवों को इंचार्ज नियुक्त कर दिया है. वे संबंधित जिलों में कल 25 अक्तूबर से 27 अक्तूबर तक मौजूद रहेंगे और डीएपी वितरण पर निगाह रखेंगे.
मेरी फसल मेरा ब्यौरा के रिकॉर्ड के आधार पर हो वितरण
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन किसानों ने रबी फसलों के लिए 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है, उसके अनुसार ही किसानों को डीएपी खाद का वितरण किया जाए ताकि असल किसानों को समय पर डीएपी उपलब्ध हो सके. उन्होंने किसानों (Farmers) से आक्रोशित न होने की अपील करते हुए कहा है कि वे आवश्यकता के अनुसार ही डीएपी की खरीद करें, अतिरिक्त भंडारण न करें.
जिस क्षेत्र में पहले है जरूरत वहां दी जाए प्राथमिकता
मनोहरलाल ने अधिकारियों को डिमांड के अनुसार डीएपी की सप्लाई सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि जिस क्षेत्र के किसानों को पहले डीएपी की जरूरत है वहां पहले सप्लाई किया जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष राज्य में जहां 24 अक्तूबर तक 87,000 मीट्रिक टन डीएपी की बिक्री की गई थी वहीं इस वर्ष आज तक 98,000 मीट्रिक टन की बिक्री की जा चुकी है.
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