हरयाणा न्यूज़: महिला एवं बाल विकास विभाग ने पौष्टिकता को दिनचर्या में शामिल करते हुए कुपोषण के खात्मे के संकल्प के साथ पोषण माह का आगाज कर दिया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने प्रदेश भर में शुरू हो रहे पोषण माह के लिए संतुलित आहार किट व पोषण कैलेंडर का लोकार्पण किया। उन्होंने विभिन्न विभागों के सामंजस्य के साथ महिला एवं स्वास्थ्य, पोषण भी-पढ़ाई भी और जल संरक्षण व प्रबंधन के लक्ष्य के अनुरूप विशेष कार्य योजना के अनुरूप अधिक से अधिक जनभागीदारी करवाने पर जोर दिया।
वीरवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने हरियाणा सिविल सचिवालय के आठवें तल स्थित कार्यालय में विभाग आयुक्त व सचिव अमनीत पी कुमार, निदेशक हेमा शर्मा एवं मातहत अधिकारियों की मौजूदगी में पोषण माह-सितंबर का आगाज किया। संतुलित आहार किट व पोषण कैलेंडर लांच करते हुए राज्यमन्त्री कमलेश ढांडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से देश मे कुपोषण के खिलाफ लड़ाई को तेज करते हुए 67 फीसदी आबादी के पोषण स्तर को बढ़ाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि पांचवे पोषण माह के तहत सितंबर में निरन्तर महिला एवं स्वास्थ्य, पोषण भी-पढ़ाई भी और जल संरक्षण व प्रबंधन के लक्ष्य पर आमजन को अपने साथ जोड़ा जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में 25 हजार 962 आंगनवाड़ी केंद्रों पर निरन्तर गतिविधियां आयोजित करने के साथ-साथ खण्ड, तहसील व जिला स्तर पर कार्यक्रमों के आयोजन करने के निर्देश दिए।
महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर होने वाले आयोजनों में मंत्री, सांसद, विधायक, बोर्ड-निगम चेयरमैन, निकाय संस्थाओं के चेयरमैन, मेयर, पार्षद ही नहीं प्रशासनिक अधिकारियों की भागीदारी होगी, ताकि इस मुहिम को जन आंदोलन का रूप देते हुए हरियाणा को कुपोषण मुक्त बनाया जा सके। उन्होंने स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक आहार लाने के लिए प्रेरित करने पर भी जोर दिया जाएगा। राज्यमन्त्री कमलेश ढांडा ने कहा कि हर आंगनवाड़ी केंद्र के दायरे में 5-5 घरों में पोषण वाटिका स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि पौष्टिक खाना दिनचर्या में शामिल हो। पोषण वाटिका में औषधीय पौधे के साथ-साथ फल, सब्जी लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि फील्ड में जिला परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारियों को 10-10 आंगनवाड़ी केंद्रों पर निजी तौर पर कार्यक्रमों में उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं, वहीं मुख्यालय अधिकारी प्रतिदिन आयोजनों की निगरानी करेंगे।