नेशनल ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस हाईवे 152-डी पर 1 अगस्त से फर्राटा भरेंगे वाहन
नारनौल न्यूज़: नारनौल से कुरुक्षेत्र के ईस्माईलाबाद तक नेशनल ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस हाईवे 152-डी तैयार हो गया है। दो दिन 30 व 31 जुलाई को वाहनों का परिचालन ट्रायल के आधार पर किया जाएगा। इसके बाद एक अगस्त सुबह आठ बजे से टोल वसूली के साथ यह हाईवे स्थाई तौर पर शुरू हो जाएगी। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने पत्र जारी कर दिया है। इस संबंध में एनएचआई 152-डी के परियोजना अधिकारी केएम शर्मा से हरिभूमि ने बातचीत की तो उनका कहना था कि दो दिन ट्रायल के बाद एक अगस्त से इस हाईवे पर वाहनों का आवागमन शुरू कर दिया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक नारनौल दक्षिण पश्चिम से लेकर कुरुक्षेत्र उत्तर पूर्व के गंगहेड़ी तक करीब 230 किलोमीटर बनने वाले इस नेशनल हाईवे को फिलहाल छह लेन बनाया गया है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर अपग्रेड किया जा सकता है। यह हाईवे नारनौल बाइपास पर एनएच 148-बी से लिंक करेगा, जिससे यातायाम सुगम होगा। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जयपुर-नारनौल-अंबाला-चंडीगढ़ का सफर आसान होगा। केंद्र सरकार की ओर से इस हाईवे के निर्माण के लिए 5108 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था। जिसकी चौड़ाई 70 मीटर निर्धारित की गई। हाईवे में 122 ब्रिज व अंडरपास बनाए गए हैं। दिलचस्प बात है कि यह हाईवे किसी भी शहर या गांव के मध्य से नहीं निकाला गया है, न ही इसके बनाते समय यातायात व्यवस्था प्रभावित हो सकी है। सभी शहर व गांव बाइपास रखे गए हैं। कार्य पूरा होने के बाद एक सौ किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक की स्पीड वाहन चालकों को चंडीगढ़ जाने में सुविधा होगी।
40 अंडरपास, लगेंगे 1.36 लाख पौधे: प्रोजेक्ट के मुताबिक इस राजमार्ग पर 40 लाइट वाहन अंडरपास और 110 छोटे वाहन अंडरपास बनाए गए हैं। इसके अलावा सात आरओबी भी हैं। इस सड़क मार्ग के दोनों ओर एक लाख 36 हजार 200 पौधे लगाए जाएंगे ताकि पर्यावरण को हरा-भरा बनाया जा सके। इस मार्ग के दोनों ओर 500 मीटर एरिया को कवर किया गया है। यह सड़क परियोजना 230 किलोमीटर लंबी है जो गंगहेड़ी से जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ व नारनौल सहित आठ जिलों की सीमा से गुजरेगी।
आठ जिलों को होगा फायदा: इस हाईवे से जिला कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ के लोगों को फायदा होगा। नारनौल बाइपास पर इस हाईवे को एनएच 48बी से जोड़ दिया गया है। इस नए एनएच को बनाने के पीछे प्रदेश के विकास को गति देना और एनएच-वन का लोड कम करना है।