रेलवे लाइन को अज्ञात लोगों ने उखाड़ दिया, इस संगठन ने ली जिम्मेदारी

Update: 2022-07-16 12:59 GMT

हिसार के बरवाला में खेदड़ थर्मल पावर प्लांट के पास थर्मल में जाने वाली रेलवे लाइन को अज्ञात लोगों ने उखाड़ दिया। इस लाइन का उपयोग थर्मल में कोयला भेजने के लिए किया जाता है। इस पटरी को उखाड़ने की जिम्मेदारी सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने ली है। उन्होंने इसका एक वीडियो भी जारी किया है।

जानकारी के बाद एसपी लोकेंद्र सिंह, डीसी डॉ. प्रियंका सोनी मौके पर पहुंचे। पटरी को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार खेदड़ पावर प्लांट में कोयले की गाड़ियां अलग-अलग समय पर आती रहती हैं। शुक्रवार शाम एक गाड़ी कोयला लेकर अंदर गई। इसके बाद शनिवार सुबह 4 बजे दूसरी गाड़ी पहुंची। सुबह करीब 6 से 7 बजे के बीच एसएफजे ने एक वीडियो वायरल किया जिसमें उन्होंने खेदड़ थर्मल पावर प्लांट को जाने वाली रेल लाइन उखाड़ने का दावा किया। जब रेलवे लाइन को जांचा तो कुछ क्लिप निकले पाए गए।
घटना की जानकारी मिलते ही डीसी डॉ. प्रियंका सोनी, एसपी लोकेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। रेलवे लाइन को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। रेलवे की इंजीनियरिंग टीम मौके पर पहुंच गई है। लाइन को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया गया है।
वीडियो में पन्नू ने कहा कि उनके संगठन से जुड़े लोगों ने यह पटरी उखाड़ी है। 15 अगस्त तक पूरे देश को अंधकार में धकेल दिया जाएगा। देश भी सभी थर्मल पावर प्लांट में कोयले की आपूर्ति बाधित कर दी जाएगी। खालिस्तान के लिए 2023 से मुहिम शुरू की जाएगी। रेलवे पटरी के पास खालिस्तानी झंडा भी दिखाया गया है।
कोयले की राख को लेकर किसान बैठे थे धरने पर
कोयले की राख उठाने का हक पाने के लिए गांव खेदड़ के ग्रामीण पिछले तीन महीने से धरना दे रहे थे। किसानों ने थर्मल पावर प्लांट को जाने वाली रेल लाइन पर धरना देने का एलान किया था। जिसके लिए 8 जुलाई को किसानों ने कूच भी कर दिया था। 8 जुलाई को पुलिस के साथ टकराव में एक किसान धर्मपाल की मौत हो गई थी। प्रशासन के साथ किसानों का समझौता हो गया था। जिसके बाद शनिवार को धर्मपाल के शव का अंतिम संस्कार कर धरने को खत्म किया जाना है।
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