केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने गुरुग्राम में भारतीय खाद्य निगम की पहली अत्याधुनिक प्रयोगशाला का किया उद्घाटन

Update: 2021-11-21 06:05 GMT
दिल्ली। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खाद्यान्न के नमूनों के घरेलू परीक्षण के लिए अपनी पहली अत्याधुनिक प्रयोगशाला तैयार की है। उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज गुरुग्राम (हरियाणा) में खाद्य सुरक्षा संस्थान (आई.एफ.एस.), एफसीआई में 'गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला' का उद्घाटन किया। 
चौबे ने 'फोर्टिफिकेशन ऑफ राइस' पर एक लघु फिल्म की शुरुआत की और 'ब्रस्टिंग मिथ, रेडियो जिंगल्स, तथा सोशल मीडिया कोलेटरल ऑन राइस फोर्टिफिकेशन' पर लघु फिल्में भी लॉन्च कीं। डीएफपीडी 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत प्रतिष्ठित सप्ताह मना रहा है, जो 15 नवंबर 2021 को शुरू हुआ और 21 नवंबर 2021 को समाप्त होगा। इस बीच, देश के सभी हिस्सों में डीएफपीडी द्वारा कई अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।


चौबे ने संस्थान में एफसीआई के कर्मचारियों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार उपभोक्ताओं को सुरक्षित एवं स्वस्थ अनाज उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने डीएफपीडी और इसके तहत आने वाले सभी संगठनों, जैसे एफसीआई, सीडब्ल्यूसी, आईजीएमआरआई, डब्ल्यूडीआरए, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान तथा अन्य के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने आज़ादी का अमृत महोत्सव के प्रतिष्ठित सप्ताह के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। चौबे ने यह भी कहा कि ये आयोजन लोगों तक पहुंचने और केंद्र सरकार के दृष्टिकोण तथा अच्छे कार्यों को उन तक पहुंचाने में कारगर होंगे। उन्होंने सुरक्षित एवं स्वस्थ भोजन करने के महत्व के प्रति केंद्र की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और स्वस्थ राष्ट्र की दिशा में काम करने के लिए एफसीआई के सभी समावेशी दृष्टिकोण की सराहना की। श्री चौबे ने सभी लोगों को पर्याप्त, सुरक्षित एवं पौष्टिक खाद्यान्न उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर भी बल दिया, जो प्रमुख वैश्विक चिंताओं में से एक है, और कहा कि प्रधानमंत्री देश के प्रत्येक नागरिक की खाद्य सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बड़े पैमाने पर कुपोषण, बच्चों और महिलाओं में खून की कमी को देखते हुए केन्द्र चावल में पोषक तत्वों को फोर्टीफिकेशन के जरिए बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मध्याह्न भोजन सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत पोषक तत्वों से भरपूर चावल का वितरण किया जा रहा है और यह लक्ष्य 2024 तक पूरा हो जाएगा। चौबे ने कहा कि "केंद्र सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम के अलावा खुले बाजारों में भी फोर्टिफाइड (पोषक तत्वों से भरपूर) चावल को उपलब्ध कराने के प्रयास कर रहा है।"

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