रेवाड़ी शहर के नई आबादी निवासी बहादुर (49) और सुंदर (45) दोनों सोमवार की देर रात बेरली रोड पर स्थित एक गांव में किसी प्रोग्राम में शामिल होने गए थे। दोनों रेवाड़ी में ही एक ईंट-भट्ठे पर नौकरी करते थे। बहादुर ईंटों की सप्लाई और सुंदर मजदूरी करता था। रात में ही बाइक पर वापस घर लौट रहे थे। बेरली रोड से वह निर्माणधीन बाइपास पर चढ़ गए और फिर सीधे चलते गए।
इस नारनौल रोड पर स्थित रेलवे लाइन के उपर के हिस्से पर पुल बनना बाकी है। बहादुर और सुंदर को इसको लेकर जानकारी नहीं थी और वह सीधे बाइपास पर चलते गए। निर्णाधीन फ्लाइओवर खत्म हो गया और दोनों बाइक सहित 30 फीट नीचे रेलवे लाइन पर आ गिरे। मंगलवार की सुबह रेलवे लाइन के पास दोनों युवकों के शव पड़े दिखे। पास में ही बाइक पड़ी थी। आसपास से गुजर रहे लोगों ने इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल भिजावाया। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
अधिकारियों की लापरवाही को इसी से समझा जा सकता है कि नारनौल रोड को जोड़ने वाले रेलवे लाइन के इस हिस्से का काम कई सालों से रूका हुआ है। इतना ही नहीं रोड चालू है। ना तो रोड को ब्लॉक करने के लिए कोई पत्थर रखे गए और ना ही कोई सांकेतिक बोर्ड लगाया गया और रात के अंधेरे में बहादुर और सुंदर दोनों सीधे चलते गए और इसी लापरवाही की वजह से दोनों की जान चली गई।