बीजेपी सांसद रतन लाल मौत की सच्चाई आई सामने, जानिए किस वजह से हुई मौत

Update: 2023-05-18 07:12 GMT

अंबाला : हरियाणा के अंबाला से बीजेपी सांसद रतन लाल कटारिया का निधन हो गया है. कटारिया ने बीती रात पीजीआई में अंतिम सांस ली. निमोनिया के चलते वह पिछले कई दिनों से पीजीआई में भर्ती थे. उनका अंतिम संस्कार दोपहर 12 बजे श्मशान घाट मनीमाजरा में अंतिम संस्कार किया जाएगा. पिछले महीने ही हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज समेत अन्य दिग्गज नेताओं ने मुलाकात कर उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी.

ज्ञानचंद गुप्ता ने भी जताया दुख:

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने भी सांसद कटारिया के निधन पर शोक व्यक्त किया है. गुप्ता ने लिखा है कि पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अंबाला लोकसभा सांसद रतन लाल कटारिया का निधन हम सभी कार्यकर्ताओं और भाजपा संगठन के लिए अपूरणीय क्षति है. ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें.

पीजीआई में 4 मई को 40वीं सालगिरह मनाई

सांसद रतनलाल कटारिया और उनकी पत्नी बंटो कटारिया ने 4 मई को अपनी 40वीं सालगिरह मनाई. उन्होंने पीजीआई में ही अपनी 40वीं सालगिरह मनाई. कटारिया ने लिखा था कि इस शुभ अवसर पर मैं आप सभी का आशीर्वाद मांग रहा हूं. जीवन के उतार- चढ़ाव में संघर्ष करते हुए कदम- कदम पर एक- दूसरे से सुख- दुख बांटते हुए समय कब निकल गया पता ही नहीं चला. हम सफर की तरफ से आपको शादी की 40वीं सालगिरह की बहुत- बहुत शुभकामनाएं.

1980 में शुरू हुआ था राजनीतिक सफर

2019 के लोकसभा चुनाव में अंबाला सीट से बीजेपी ने तीसरी बार रतन लाल कटारिया को उतारा था. बीजेपी ने अनुभव और पुराने चेहरे के चलते कटारिया को अंबाला लोकसभा आरक्षित सीट से उतारा. हालांकि, वे इसी सीट से राज्यसभा सांसद कुमारी शैलजा से लगातार दो बार हारे थे लेकिन 2014 के चुनाव में उन्होंने जीत का रिकॉर्ड बनाया था. वे 1999 में भी इसी सीट से सांसद रह चुके हैं. 2014 में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार वाल्मीकि को हराया था. 2019 में भी उन्होंने कुमारी शैलजा को हराकर पुरानी हार का बदला लिया था. अपने लंबे राजनीतिक अनुभव और बेदाग छवि के चलते रतन लाल कटारिया को पार्टी ने टिकट दिया था.

1980 में भाजयुमो के बने उपाध्यक्ष

रतन लाल कटारिया को 1980 में भाजयुमो का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया. इसके बाद, वह पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता, प्रदेश मंत्री, अनुसूचित जाति मोर्चा के अखिल भारतीय महामंत्री, भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री तक के सफर के बाद उन्हें जून 2001 से सितंबर 2003 तक भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया. जून 1997 से जून 1999 तक वे हरियाणा वेयरहाउसिंग के चेयरमैन रहे. 6 अक्टूबर 1999 को रतन लाल कटारिया अंबाला से सांसद चुने गए. साल 2014 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार वाल्मीकि को हराकर जीत का कीर्तिमान बनाया था.

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