रोहतक PGI में डॉक्टरों की टीम ने 19 वर्षीय कबड्डी खिलाड़ी का नई तकनीक से किया गया ऑपरेशन
रोहतक न्यूज़: रोहतक पीजीआईएमएस के स्पोर्ट्स मेडिसिन एंड स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर के डॉक्टरों की टीम ने 19 वर्षीय कबड्डी खिलाड़ी का नई तकनीक से ऑपरेशन किया। खिलाड़ी के घुटने में लगभग 6 महीने पहले खेलते समय चोट लगी थी। स्पोर्ट्स इंजरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश रोहिल्ला ने बताया कि खिलाड़ी को घुटने के मुड़ने मे दिक्कत के साथ लॉकिंग के लक्षण थे। मरीज की जब जांच की गई तो एमआरआई में घुटने के जोड़ मे कारटीलेज डिफेक्ट व लूज बॉडी का खुलासा हुआ। लगभग 6 सप्ताह पहले लूज बॉडी को निकाल दिया गया था और कारटीलेज का टुकड़ा लिया गया। इस टुकड़े को मुंबई की प्रयोगशाला में भेजा गया जहां कोड्रोसाइट को 12 मिलियन कोशिकाओं की 4 शीशियों में रखा गया। ऑटोलॉगस कोड्रोसाइट इम्प्लांटेशन 10 सितंबर को बारीक चीरा तकनीक से घुटने के कार्टिलेज में किया गया था और ऑपरेशन सफल रहा।
इन डॉक्टरों ने किया ऑपरेशन: ऑपरेशन में डॉ. राजेश रोहिल्ला के साथ डॉ. प्रमोद, डॉ. सरिता पीजी, डॉ. किरणप्रीत, डॉ. मंगल प्रोफेसर एनेस्थीसिया, डॉ. प्रकृति बिश्नोई, सीनियर रेजिडेंट और डॉ. अमित शामिल रहे। उन्होंने बताया कि इस प्रकार का ऑपरेशन मेट्रो शहरों में बड़े कॉरपोरेट अस्पतालों में किया जाता है। डॉ. राजेश रोहिल्ला ने बताया कि इस ऑपरेशन के लिए कुलपति डॉ. अनीता सक्सेना और निदेशक डॉ. एसएस लोहचब ने बधाई दी।
कार्टिलेज जोड़ों और हड्डियों की रक्षा करता है: डॉ. राजेश रोहिल्ला ने बताया कि कार्टिलेज एक मजबूत, लचीला संयोजी ऊतक है जो जोड़ों और हड्डियों की रक्षा करता है। यह हड्डियों के सिरों पर शोक आब्जर्वर के रूप में कार्य करता है। जोड़ों में हड्डियों के अंत में कार्टिलेज घर्षण को कम करता है और उन्हें आपस में रगड़ने से रोकता है।