हरियाणा | ऋषि मुनियों की तपोभूमि, कर्म और आस्था का परिचायक हरियाणा नशा मुक्त महासंग्राम का आगाज करने के बाद अब जल संरक्षण की दिशा में भी मिसाल बनने जा रहा है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निःस्वार्थ भाव से समाज की भलाई के लिए किए जा रहे कार्यों में संत-महात्मा भी उनका सहयोग करने के लिए आगे आ रहे हैं> नशा मुक्त हरियाणा अभियान को आगे बढ़ाने में सहयोग करने के बाद अब संत-महात्मा जल संरक्षण के लिए भी समाज में अलख जगाएंगे। संत महात्मा अपने प्रवचनों के माध्यम से लोगों को पानी बचाने के लिए प्रेरित करेंगे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल भावी पीढ़ी का भविष्य हर दृष्टिकोण से सुरक्षित हो, इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मेरा पानी – मेरी विरासत के बाद हरियाणा सरकार ने जल संरक्षण व जल संचयन के लिए एकीकृत जल संसाधन कार्य योजना तैयार की है, जिसका उद्देश्य आगामी 2 वर्षों में पानी की मांग व उपलब्धता के अंतर को कम करना है।
हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है, इसलिए कृषि क्षेत्र में पानी की मांग अधिक होना स्वाभाविक है। वर्ष 2021 में 152 लाख एकड़ फसली क्षेत्र (क्रॉप्ड एरिया) हेतु पानी की मांग 30,05,514 करोड़ लीटर थी, जोकि वर्ष 2025 तक 30,34,554 करोड़ लीटर होने का अनुमान है। बागवानी क्षेत्र के लिए वर्ष 2021 में पानी की मांग 1,64,838 करोड़ लीटर थी, जोकि वर्ष 2025 तक 2,12,131 करोड़ लीटर होने का अनुमान है। इसी प्रकार, उद्योग एवं ढांचागत विकास क्षेत्र में वर्ष 2021 में पानी की मांग 1,04,418 करोड़ लीटर थी और वर्ष 2025 तक इस क्षेत्र के तहत 1,46,518 करोड़ लीटर पानी की मांग होने का अनुमान है।
बिजली उत्पादन में भी पानी की मांग होती है। इसके तहत वर्ष 2021 में 19,127 करोड़ लीटर पानी की मांग दर्ज की गई थी, जो वर्ष 2025 तक 22,107 करोड़ लीटर होने का अनुमान है। इसके अलावा, वर्ष 2025 तक मत्स्य पालन, वन एवं वन्यजीव, स्थापना एवं संस्थागत जल क्षेत्र तथा घरेलू पानी की मांग के तहत क्रमशः 32,251 करोड़ लीटर, 12,161 करोड़ लीटर, 14903 करोड़ लीटर और 1,35,625 करोड़ लीटर पानी की मांग आंकी गई है।
हरियाणा में वर्तमान में पानी की उपलब्धता 30,57,298 करोड़ लीटर है, जबकि मांग 44,59,976 करोड़ लीटर है। पानी की मांग व उपलब्धता के मध्य 14 लाख करोड़ लीटर के अंतर को पाटने के लिए मुख्यमंत्री की पहल पर 2023-25 की जल कार्य योजना बनाई गई है।