अदालत ने दादा की हत्या के आरोप में पोते को साथियो सहित सुनाई उम्रकैद की सजा

Update: 2022-08-05 12:13 GMT

सोनीपत न्यूज़: राई थाना क्षेत्र में दादा की गोली मारकर हत्या करने के कलयुगी पोत्र व उसके दो साथियों को अदालत ने दोषी करार दिया हैं। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश देविंद्र सिंह अदालत ने तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई हैं। अदालत ने दोषियों पर 55-55 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया हैं। जुर्माना राशि अदा न करने पर दोषियों को 15 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। कलयुगी पौत्र ने जमीनी विवाद के चलते वारदात को अंजाम दिया था। गांव नई बसौदी निवासी इंद्रावती ने 6 मई, 2018 राई थाना पुलिस को शिकायत देकर बताया था कि उसका पति महासिंह (68) देर शाम घर पर था। इसी दौरान उसका बड़ा पौत्र समुंद्र उर्फ मोनू अपने दो साथियों के साथ बाइक पर सवार होकर आया। मोनू ने अपने दादा के कमरे में घुसकर उन पर दो फायर किए , और वहां से भाग गया था। एक गोली लगने से घायल हुए उनके पति महासिंह को नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद पीजीआई, रोहतक रेफर कर दिया गया था। पुलिस ने मामले में इंद्रावती के बयान पर उसके पौत्र मोनू व दो अन्य पर हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज किया था। बाद में देर रात पीजीआई रोहतक में महासिंह ने उपचार के दम तोड़ दिया था। पुलिस ने मामले में हत्या की धारा जोड़ दी थी।

मोनू ने अपने दादा पर दो माह में दूसरी बार हमला किया है। इससे पहले 6 मार्च, 2018 की सुबह भी स्कूटी पर सवार होकर आए मोनू ने उन्हें गोली मार दी थी। हालांकि गोली लगने के बाद वह बच गए थे। पुलिस ने तब महासिंह के बयान पर मुकदमा दर्ज किया था। परिजनों ने बताया था कि सात एकड़ जमीन के लिए मोनू ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। मोनू का पिता मुकेश महासिंह का अकेला बेटा था। मुकेश के पास मोनू व एक उससे छोटा बेटा है। मोनू सात एकड़ जमीन अपने नाम कराना चाहता था। इसके लिए उसके दादा ने मना किया था। इसी के चलते उसने दादा के प्रति रंजिश पाल ली और हत्या कर दी।

मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपित समुंद्र उर्फ मोनू को गिरफ्तार कर लिया था। उसके साथियों की पहचान गांव गुमड़ निवासी मोहित व गांव हसनपुर निवासी सचिन के रूप में हुई थी। पुलिस ने उन दोनों को गाड़ी लूट के आरोप में गिरफ्तार किया था। बाद में महासिंह हत्याकांड में प्रोडक्शन वारंट पर लिया गया था। मामले में सुनवाई करते हुए एएसजे देविंद्र सिंह की अदालत ने तीनों को दोषी करार दिया। अदालत ने तीनों दोषियों को भादंसं की धारा 302 में उम्रकैद व 50-50 हजार रुपये जुर्माना तथा शस्त्र अधिनियम में तीन-तीन साल कैद व 5-5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। दोनों सजा एक साथ चलेंगी। जुर्माना न देने पर 15 माह अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।

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