बढ़ते सब्जियों के दाम से बिगड़ रहा आम आदमी का बजट

सर्दियां पड़ते ही खरीफ की नई फसलें आनी शुरू हो जाती है. इस दौरान अक्सर देखा जाता है कि सब्जियों और अनाजों के दाम में कमी देखी जाती है. हालांकि इस साल अभी तक ऐसा नहीं हुआ है.

Update: 2021-12-03 07:58 GMT

जनता से रिश्ता। सर्दियां पड़ते ही खरीफ की नई फसलें आनी शुरू हो जाती है. इस दौरान अक्सर देखा जाता है कि सब्जियों और अनाजों के दाम में कमी देखी जाती है. हालांकि इस साल अभी तक ऐसा नहीं हुआ है. दिन पर दिन हरियाणा में फल और सब्जियों के भाव (Haryana haryana Fruit and Vegetables Rate) को लेकर आम आदमी बेहाल है. सब्जियों के बढ़ते दाम (vegetable price hike) से गृहणियों के रसोई का बजट बिगड़ा हुआ है.टमाटर और प्याज के लगातार बढ़ते दामों से आम आदमी के खाने का टेस्ट पहले से ही बिगड़ चुका है. वहीं आलू, गोभी, पालक समेत तमाम हरी सब्यिजों के दाम ऊंचे होने से ग्राहकों को ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं.

सब्जी के मौजूदा दामों से ही आम हो या खास हर कोई परेशान हैं. वहीं कारोबारियों का अनुमान है कि आने वाले कुछ दिनों में सब्जियों के दामों में और उछाल (vegtable price hike) होने वाला है. ऐसे में अब आम आदमी की चिंता और बढ़ने वाली हैं. वहीं फ्रूट भी काफी महंगा (haryana fruit price today) बिक रहा है. हरियाणा में केला 60 रुपये किलो और सेब 80 रुपये किलो के हिसाब से बिक रहा है.
टमाटर के साथ पालक, धनिया, मेथीे के भावों में जबरदस्त उछाल आया है. सब्जियों के बढ़े दामों का शादियों का सीजन होना बताया जा रहा है. पिछले दो हफ्तों में ज्यादातर हरी सब्जियों के दाम दो गुने से ज्यादा हो चुके हैं. धनिया, मेथी, हरी मिर्च 30 से 40 रुपए प्रति किलोग्राम बाजार में बिकने लगी हैं.
सब्जियों के दाम बढ़ने से आम लोगों को आर्थिक परेशानी में डाल दिया है. कोई भी सब्जी 15 रुपये प्रतिकिलो से नीचे नहीं है. पांच लोगों के परिवार में एक टाइम की सब्जी बनाने में कम से कम 100 रुपए खर्च हो रहे हैं. वहीं सब्जी विक्रेता सिकंदर ने बताया कि मंडी में थोक में ही बाहर से महंगी सब्जी खरीद रहे हैं. अब एक सब्जी पर पांच रुपए भी नहीं मिले तो कैसे काम करेंगे.


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