चरखी दादरी। जन सेवा संस्थान व समाजसेवी संगठनों के सहयोग से सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों, सहयोगियों के अलावा अस्पताल स्टाफ को सामाजिक रसोई भरपेट खाना मुहैया करवाएगी। रसोई की विशेष बात ये है कि अस्पताल में डाइट प्लान के तहत मरीजों को खाना तैयार होगा। सामाजिक रसोई में बनने वाले खाने से अस्पताल में प्रतिदिन 400 लोग निशुल्क पेट भर सकेंगे। ये सेवा मरीजों और तीमारदारों के अलावा अस्पताल स्टाफ व आमजन के लिए भी है। यह रसोई सामाजिक इसलिए क्योंकि इसके संचालन में सामाजिक संगठन और समाजसेवी सहयोग करेंगे।
बता दें कि दादरी के सिविल अस्पताल में लंबे समय से रसोईघर की कमी खल रही है। अस्पताल के वार्डाें में भर्ती मरीजों के परिजन घरों से खाना लाने को विवश हैं क्योंकि ज्यादातर मरीज ग्रामीण इलाके के हैं और कोई 20 किलोमीटर तो कोई 30 किलोमीटर से उपचार करवाने पहुंचते है। अब आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों और उनके तीमारदारों को खाने की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा। इसके लिए जनसंगठन आगे आए हैं और सिविल अस्पताल में सामाजिक रसोई के माध्यम से खाना उपलब्ध कराने की सेवा शुरू कर दी गई है। इसके अनुसार सुबह 11 से 12 बजे और शाम 5 से 6 बजे तक एक-एक घंटा रसोईघर खोला जाएगा। इस समय अवधि में मरीज, तीमारदार, अस्पताल स्टाफ या फिर आमजन यहां आकर निशुल्क खाना प्राप्त कर सकता है।
सेवा संस्थान के जगदीश जांगड़ा ने बताया कि प्रतिदिन 400 लोगों को निशुल्क भोजन मुहैया करवाने की मुहिम की बीड़ा जनसेवा संस्थान ने उठाया है। इसमें सेवा भारती, भारत विकास परिषद, सामाजिक कार्यकर्ता और कुछ शिक्षक सहयोग करेंगे। समाजसेवी रिंपी फौगाट की प्रतिदिन यहां खाना पहुंचाने और वितरण करवाने की जिम्मेदारी रहेगी। मरीज मुकेश ने सामाजिक संस्था द्वारा खाना शुरू करने को सेवाभावना बताया। वहीं अस्पताल स्टाफ नर्स मनावत देवी ने कहा कि सामाजिक रसोई शुरू होने की जानकारी पर वह भी सेवा भावना से इस मुहिम में जुड़े हैं। मरीजों के साथ-साथ अस्पताल में आने वालों को निशुल्क भोजन देने के लिए वे भी सहायता कर रहे हैं।