हरियाणा के सिरसा में 13 वर्षीय नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शुक्रवार को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। न्यायाधीश प्रवीण कुमार ने दोषी को एक लाख रुपये जुर्माना भी किया है। जुर्माना राशि न भरने पर आरोपी को एक साल अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
सजा सुनाए जाने से पहले कटघरे में खड़े 43 वर्षीय व्यक्ति ने न्यायाधीश से सजा में नरमी बरतने की गुहार लगाई। इस पर अभियोजन पक्ष ने न्यायाधीश से दोषी को कड़ी सजा देने मांग करते हुए कहा कि दोषी ने बाप-बेटी के रिश्ते को कलंकित किया है। जब पिता ही ऐसी हरकतें करने लगेगा तो लड़कियां कैसे सुरक्षित रहेंगी।
समाज में संदेश देने के लिए कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इसके बाद न्यायाधीश प्रवीण कुमार ने कहा कि बेटी का सबसे ज्यादा विश्वास पिता पर होता है। जिस प्रकार का घिनौना अपराध हुआ है वह किसी भी रूप में नरमी योग्य नहीं है, इसलिए कठोर दंड देना जरूर है। इसके बाद न्यायाधीश ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए दोषी को उम्रकैद की सजा सुना दी। उम्रकैद की सजा सुनते ही कटघरे में खड़े दोषी की आंखों से आंसू छलकने लगे।
अगली रात भी की दुष्कर्म की कोशिश
इस मामले में महिला थाना सिरसा पुलिस ने दिसंबर 2019 को अभियोग दर्ज किया था। पुलिस को दिए बयान में 13 वर्षीय पीड़िता ने बताया कि वह 28 नवंबर 2019 की रात को खाना खाने के बाद वह, उसका छोटा भाई व उसका पिता एक ही बेड पर सो गए थे। देर रात उसके पिता ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने बताया कि वह रोती रही और सुबह उठकर उसने अपनी बुआ को सारी बात बताई। बुआ ने ये बात मामा को बताई।
अगली रात को पिता ने फिर से उसके साथ दुष्कर्म करना चाहा। उसने शोर मचाया तो इसी दौरान मामा और बुआ ने कमरे का दरवाजा खोल दिया। इनको देखकर पिता भाग गया। पीड़िता ने बताया इसके बाद वह अपने मामा के साथ गांव चली गई। मामा ने पंजाब गई उसकी मां को बुला लिया। इसके बाद पुलिस थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने बयान दर्ज करके आरोपी पिता के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत अभियोग दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया।