चौकाने वाली खबर: 8 दिन में 8 युवाओं ने की आत्महत्या, जानिए वजह

Update: 2022-08-05 11:25 GMT

बहादुरगढ़ न्यूज़: हर किसी के जीवन में उतार-चढ़ाव का दौर आता है। मुश्किल भरे समय में संघर्ष कर आगे बढ़ना ही जिंदगी है लेकिन कुछ लोग तनाव/परेशानियों से लड़ने के बजाय गलत कदम उठा लेते हैं। खासकर युवा वर्ग तो छोटी-छोटी बातों से तनावग्रस्त होकर मौत को गले लगाने से नहीं चूंक रहे। बहादुरगढ़ इलाके में पिछले कुछ समय में आत्महत्या का ग्राफ बढ़ा है। इनमें सबसे ज्यादा मामले फांसी लगाने के हैं। आठ दिनों में यहां के आठ युवा आत्महत्या कर चुके हैं। इनमें से सात फांसी के फंदे पर लटके मिले हैं।

आठ दिन में आठ मौत, सात ने लगाई फांसी: मंगलवार दो अगस्त को नेहरू पार्क के निवासी करीब 21 वर्षीय मामन का शव फंदे पर लटकता हुआ मिला। मामन ने क्यों फंदा लगाया, ये स्पष्ट नहीं है। एक अगस्त को गांव लोहारहेड़ी में विवाहिता मीनू की फांसी लगने से मौत हुई। आरोप है कि उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था। इस संबंध में चार लोगों पर केस दर्ज हुआ है। गत 31 जुलाई की अल सुबह लाइनपार में मनोज नाम का एक युवक अपने कमरे में पंखे से लटका मिला। मनोज द्वारा यह कदम उठाए जाने की वजह मानसिक तनाव बताया गया था। गत 30 जुलाई को बैंक कॉलोनी में 21 वर्षीय मनीषा ने फंदा लगा लगाया। इसी दोपहर को जौहरी नगर के निवासी फौजी सिद्धार्थ का शव फंदे पर लटका मिला। इन दोनों मामलों में भी मानसिक तनाव का हवाला दिया गया। इसी रात को लाइनपार में साहिल नाम के एक युवक की जहरीला पदार्थ निगलने से मौत हुई थी। गत 28 जुलाई को न्यू बसंत बिहार में करीब 15 वर्षीय रोहित ने संदिग्ध परिस्थितियों में फंदा लगा लिया। इसी तरह गत 26 जुलाई को मांडोठी के खेतों में बिहार मूल निवासी कमलेश गुप्ता का शव फंदे पर लटका हुआ मिला था। यह महज आठ दिनों का आंकड़ा है। इन आठ दिनों में आठ युवाओं की जान गई है, जिनमें से सात फंदे पर लटके मिले हैं।

क्या कहते हैं मनोविज्ञानी: उधर, मनोविज्ञानी शैली लाठर का कहना है कि भागदौड़ भरे इस दौर में हर कोई मुश्किलों में घिरा हुआ है। न केवल युवा बल्कि बड़ी उम्र के लोग भी परेशानियों में उलझकर गलत कदम उठा रहे हैं। युवाओं में उत्सुकता अधिक और जीवन का अनुभव कम होता है। इसलिए मन अशांत रहने लगता है। मन अगर शांत हो तो भी कोई आत्म हत्या न करे। युवा खुद को समय दें। यदि कोई परेशानी हो तो उसके समाधान की सोचें, अपनों को अवगत कराएं। प्रयास करेंगे तो रास्ता जरूर निकलेगा। इसके अलावा आम नागरिक भी अपने आसपास मौजूद लोगों का ध्यान रखें। यदि आपको लगता है कि कोई अपना तनाव में है तो उसके अकेला न छोड़ें। उसकी मदद करें।

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