SYL को लेकर SC ने लगाई पंजाब सरकार को फटकार, कहा- राजनीति न करें, आप कानून से ऊपर नहीं

Update: 2023-10-04 11:07 GMT
नई दिल्ली। हरियाणा और पंजाब के सतलुज यमुना लिंक (SYL) नहर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि वह इस मुद्दे पर राजनीति न करे। पंजाब सरकार कानून से ऊपर नहीं है। सुप्रीम कोर्ट को सख्त आदेश देने के लिए मजबूर न करें। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि पंजाब सरकार इस मामले में आगे बढ़े। अगर सुप्रीम कोर्ट समाधान की तरफ बढ़ रही है तो पंजाब सरकार भी पॉजिटिव रुख दिखाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में होने वाली डेवलपमेंट के बारे में रिपोर्ट देने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई अब जनवरी 2024 में होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हरियाणा में SYL नहर बनाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है, लिहाजा पंजाब भी इस समस्या का हल निकालने की दिशा में काम करे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम लंबे समय से चल रहे इस विवाद का हल निकालने की दिशा में काम कर रहे हैं हमे उम्मीद है कि पंजाब सरकार भी इस दिशा में काम करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी रिपोर्ट मांगी की पंजाब में SYL नहर के निर्माण के मौजूदा हालात कैसे हैं।
पंजाब और हरियाणा में एसवाईएल विवाद, यानी पानी के बंटवारे का झगड़ा उसी समय शुरू हो गया था जब पंजाब से अलग हरियाणा राज्य का गठन हुआ। 1966 में हरियाणा के विभाजन के बाद भारत सरकार ने पुनर्गठन एक्ट, 1966 की धारा 78 का प्रयोग किया। पंजाब के पानी (पेप्सू सहित) में से 50 प्रतिशत हिस्सा (3.5 एमएएफ) हरियाणा को दे दिया गया जो 1955 में पंजाब को मिला था। इस पर पंजाब का आरोप है कि तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा पुनर्गठन एक्ट की धारा 78 का प्रयोग करना गैर संविधानिक था। संविधान का उल्लंघन करके अंतर्राज्य जल विवाद एक्ट, 1956 के अधीन ट्रिब्यूनल की जगह केंद्र सरकार द्वारा धारा 78 के तहत हरियाणा को पानी दिया गया।
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