ब्रेकिंग न्यूज़: 100 से 1000 रुपये में जान जोखिम में डालने वाली प्रतिबंधित चाइनीज डोर बिक रही है। प्रशासन के प्रतिबंध के बावजूद खुले में डोर बिक रही है। गत वर्ष एक युवक की इससे जान चली गई थी पतंगबाजों का शौक बेजुबान पक्षियों के साथ इंसानों के लिए जानलेवा बन गया है। क्योंकि प्रतिबंधित चाइनीज व अन्य डोर बाजार में 100 से 1000 रुपये में आसानी से उपलब्ध है। प्रशासन ने इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। बावजूद इसके अकेले शहर में 200 से अधिक दुकानों पर यह बिक रही है। माना जा रहा है कि 15 अगस्त तक यह खतरनाक डोर ऐसे ही बिकती रहेगी और लोग घायल होते रहेंगे। क्योंकि प्रशासन ने महज एडवाइजरी जारी कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है।रविवार को तीज पर शहर में अलग-अलग स्थानों पर चाइनीज डोर से छह से अधिक लोग घायल हुए थे। इसका कारण चाइनीज डोर पाई गई। इसे चार दिन पहले ही प्रशासन ने प्रतिबंधित किया था। प्रशासन ने तीज से पहले कुछ दुकानों पर छापा मारने की कार्रवाई भी की थी। लेकिन इसकी बिक्री अभी भी जारी है। कार्रवाई का असर इतना ही हुआ है कि अब विक्रेता खरीदने वाले को जांच परख कर ही डोर देते हैं शहर की बात करें तो रेलवे रोड, माल गोदाम रोड, पुराना बाजार, गोहाना स्टैंड, माता दरवाजा, पुराना बस स्टैंड व रिहायशी इलाकों में परचून की दुकानों पर भी चाइनीज डोर आसानी से उपलब्ध है। प्रतिबंधित डोर बेचकर दुकानदार मोटा फायदा कमाने के चक्कर में कानून व नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
पिछले वर्ष इन्हीं दिनों में कच्चा बेरी रोड पर एलिवेटेड रोड के पास डोभ गांव के युवक की चाइनीज डोर ने गर्दन काट दी थी। इस कारण युवक विकास की कुछ देर बाद पीजीआई में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। विकास शाम के समय बाइक पर सवार होकर अपने गांव डोभ जा रहा था। रोड के बीचोबीच लटक रही चाइनीज डोर विकास के गले में फंस गई। गर्दन में गहरा घाव होने के कारण गर्दन की नसें कट गईं। ज्यादा खून बहने से युवक की मौत हो गई थी। नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर एक दुकानदार ने बताया कि प्रतिबंधित चाइनीज डोर प्लास्टिक या नायलॉन की बनी होती है जोकि सूती धागे से कई गुना मजबूत होती है। पतंगबाजी के शौकीन दूसरी पतंगों को झट से काटने के लिए चाइनीज डोर को ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। देशी सूती धागे से बनी डोर चाइनीज डोर के सामने नहीं टिक पाती है, इसलिए युवा और बच्चों की पहली पसंद चाइनीज डोर है प्रशासन की रोक लगाने के बाद भी बाजारों में खुले आम बिक रही चाइनीज डोर पिछले कई वर्षों से प्रशासन त्योहारी सीजन के आस-पास चाइनीज डोर की खरीद, स्टोरेज व बिक्री पर प्रतिबंध लगाकर खानापूर्ति करता है। इस बार तीज से सिर्फ दो दिन पहले जिला प्रशासन को याद आया कि चाइनीज डोर को प्रतिबंधित कर दिया जाए। हालांकि बाजारों में यह डोर करीब एक महीने से खुलेआम बिक रही है। हालात अब भी नहीं सुधरे हैं। शहर के मुख्य बाजारों व कॉलोनियों में स्थित दुकानों पर भी आसानी से चाइनीज डोर उपलब्ध हो जाती है।
29 जुलाई को उपायुक्त ने अपराध प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए चाइनीज डोर पर प्रतिबंध लगाया था। 30 जुलाई को पुलिस ने माल गोदाम रोड व शिवाजी कॉलोनी में कुछ दुकानों से चाइनीज डोर बरामद की। दुकानदारों पर मामला दर्ज कर पुलिस टीमों ने प्रतिबंधित सामान को जब्त कर लिया। वहीं पिछले वर्ष प्रतिबंधित डोर बेचने वाले 6 दुकानदारों पर पुलिस ने मामले दर्ज कर सामान जब्त कर लिया था। चाइनीज डोर के अलावा बरेली व दिल्ली से भी जिले में खतरनाक डोर बिक्री के लिए आई हुई है। हालांकि यह चाइनीज डोर के मुकाबले कम खतरनाक है, लेकिन यह पक्षियों व इंसानों का जीवन जोखिम में डालने के लिए काफी है। यह सिंथेटिक है और इस पर प्लास्टिक का घोल है। दोपहिया वाहन चालक ध्यान से चलें लोगों से आग्रह है कि वह खतरनाक डोर का प्रयोग न करें। दो पहिया वाहन चालक ध्यान से चलें और गले पर रुमाल या कपड़ा लगा कर रखें और हैलमेट पहनें। जो इन डोर की अवैध बिक्री कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई के लिए टीम को निर्देश दिए गए हैं। हम आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहे हैं और चाइनीज डोर खरीद रहे हैं। इससे हम चीन को आर्थिक मजबूत कर रहे हैं और अपने भाइयों का जीवन खतरे में डाल रहे हैं। सभी को इसका बहिष्कार करना चाहिए। क्योंकि यह डोर किसी की जान तक ले सकती है। इस समय बगैर हेलमेट व गले पर कपड़ा बांधे दो पहिया वाहन पर न चलें।