पेशकश: खुले में नमाज को लेकर विवाद, सिखों ने खोले गुरुद्वारे के दरवाजे
अध्यक्ष शेरदिल सिंह सिद्धू का कहना है कि गुरुद्वारा गुरुओं का घर है और गुरु के घर में आने पर किसी भी धर्म के व्यक्ति पर रोक नहीं है.
नई दिल्ली: दिल्ली से सटे गुरुग्राम में खुले में नमाज को लेकर हो रहे विरोध के बीच सिख समुदाय ने एक पेशकश की है. गुरुग्राम के सदर बाजार गुरुद्वारा कमेटी ने मुस्लिम समाज के लोगों से कहा है कि अगर उन्हें नमाज़ अदा करने में परेशानी आ रही है तो वो गुरुद्वारे में आकर कोविड प्रोटोकॉल के तहत नमाज पढ़ सकते हैं.
गुरुद्वारा सिंह साहेब गुरुग्राम कमेटी के अध्यक्ष शेरदिल सिंह सिद्धू का कहना है कि गुरुद्वारा गुरुओं का घर है और गुरु के घर में आने पर किसी भी धर्म के व्यक्ति पर रोक नहीं है. अगर कोई अपनी इबादत यहां आकर करना चाहता है तो वो गुरुद्वारे के बेसमेंट में अपनी इबादत कर सकता है.
दरअसल, पिछले कुछ महीनों से गुरुग्राम में खुले में नमाज को लेकर विरोध हो रहा है. हिंदू संगठन लगातार इसका विरोध कर रहे हैं और जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं.
तीन साल पहले सरकार ने गुरुग्राम में 37 ऐसी जगहों को चिन्हित किया था, जहां मुस्लिम समुदाय को जुम्मे की नमाज खुले में अदा करने की अनुमति दी गई थी. मुस्लिम समुदाय को खुले में नमाज अदा करने के लिए जगह देने के प्रशासन के फैसले का विरोध उस समय भी हुआ था. लेकिन पिछले कुछ महीनों में एक बार फिर इसका विरोध तेज हो गया है. बीती 29 अक्टूबर को सेक्टर 12 में खुले में हो रही नमाज को बाधित करने के इल्जाम में पुलिस ने 30 लोगों को हिरासत में लिया था.