हरयाणा न्यूज़: 15 अगस्त पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सरकारी स्कूलों और उनमें पढ़ने वाले छात्रों को बड़ी सौगात दी है। विभाग की ओर से स्कूल प्रबंधन समिति को किसी भी तरह के सिविल कार्य और ड्यूल डेस्क की खरीद के लिए 25-25 लाख रुपये तक की खरीद के अधिकार दिए गए हैं। सीएम मनोहर लाल की घोषणा पर कार्य करते हुए विभाग ने स्कूली स्तर पर प्रत्येक छात्र तक ड्यूल डेस्क पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया है। पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत करनाल और यमुनानगर जिले से सफलतापूर्वक हो चुकी है शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर की अध्यक्षता में जुलाई माह में हुई बैठक में अतिरिक्त मुख्यसचिव डॉ महावीर सिंह और निदेशक सेकेंडरी शिक्षा विभाग डॉ अंशज सिंह ने यमुनानगर के जगाधरी ब्लॉक में सिविल कार्यों और करनाल के करनाल ब्लॉक में ड्यूल डेस्क की खरीद को लेकर स्कूल प्रिंसिपल और जिला स्तर के अधिकारियों को विशेष दिशा निर्देश दिए थे, जिसके बाद दोनों ही ब्लॉक में सिविल कार्य और डेस्क खरीद सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है। इस पूरी प्रक्रिया को सिरे चढाने के लिए एसीएस डॉ महावीर सिंह की ओर से सहायक निदेशक नंदकिशोर वर्मा की बतौर नोडल ऑफिसर डयूटी लगाई गई थी।
फिलहाल मुख्यमंत्री मनोहर लाल की इस महत्वकांक्षी योजना से ना केवल सरकारी स्कूल के हर बच्चे तक ड्यूल डेस्क पहुंचेगा बल्कि,स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर में भी बड़ा सुधार होगा। योजना का सबसे बड़ा लाभ यही होगा कि अब स्कूलों को अपने आवश्यक निर्माण और मरम्मत या खरीद कार्यों के लिए जटिल प्रक्रिया से नही गुजरना पड़ेगा। गौरतलब है कि जटिल टेंडर प्रक्रिया और लम्बी कागजी कार्रवाई की वजह से विभाग 2016 के बाद से अब तक बड़े स्तर पर ड्यूल डेस्क नही खरीद पाया है। निदेशक सेकेंडरी और मौलिक शिक्षा विभाग डॉ अंशज सिंह के मुताबिक 17 अगस्त को शिक्षामंत्री कंवरपाल योजना के प्रथम चरण की शुरुआत करते हुए प्रत्येक जिले से एक खण्ड का सिविल कार्य के लिए और एक खण्ड का ड्यूल डेस्क खरीद के लिए ड्रॉ सिस्टम से चयन करेंगे।खास बात ये रहेगी कि जिस खण्ड को डेस्क खरीद या सिविल वर्क के लिए चुना जाएगा,वहां ये पूरा कार्य केवल स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) के द्वारा ही किया जाएगा। एसएमसी को शिक्षा मुख्यालय या किसी भी दफ्तर के चक्कर नही काटने पड़ेंगे। विभाग की ओर से ड्यूल डेस्क की डिमांड स्कूलों से मांगी जा रही है ताकि जल्द से जल्द इस योजना को पूरा किया सके।विभाग की योजना है कि प्रत्येक जिले से एक एक खण्ड पर कार्य शुरू किया जाए ताकि सिलसिलेवार पूरे प्रदेश में ड्यूल डेस्क और सिविल कार्य पूरे किए जा सके। सम्भवतः हरियाणा देश का पहला राज्य होगा जो स्कूल प्रबंधन समितियों को इतनी मजबूती के साथ विकास में भागीदार बनाएगा।