मनोहर लाल की सादगी के न केवल उनकी पार्टी के लोग बल्कि विपक्ष के नेता भी कायल
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सादगी के न केवल उनकी पार्टी के लोग बल्कि विपक्ष के नेता भी कायल हैं। खुद अपना खाना बना लेना, खुले मैदान में घास पर सुस्ता लेना और सभी के साथ शालीनता से मिलना जुलना उन्हें अपने पद की गरिमा से भी बड़ा बना देता है। मुख्यमंत्री होने के बावजूद उनमें घमंड नाम की चीज दिखाई नहीं देती। सीएम ने जूते मरम्मत का काम करने वाले एक व्यक्ति की आर्थिक सहायता की थी जिसके चर्चे काफी दिनों तक हरियाणा की राजनीतिक गलियों में गूंजते रहे। इतना ही नहीं मोची का काम करने वालों के लिए बिना ब्याज के ऋण की योजना चलाकर उन्होंने यह जता दिया कि वे केवल बातों में ही अंतोदय का जिक्र नहीं करते बल्कि अंतोदय के लिए काम भी करते हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मनोहर छवि से ही आयाराम, गयाराम वाले हरियाणा की जनता ने उन्हें दो बार मुख्यमंत्री की कुर्सी से नवाजा। दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने और अधिक उत्साह के साथ काम शुरू किया और कम आय वाले लोगों का जीवन स्तर सुधारने के लिए योजनाओं पर काम भी किया। उनकी उदारता के किस्से तब भी सुनाई दिए जब सिरसा से सांसद सुनीता दुग्गल ने एक भाषण के दौरान उन्हें अपना मामा कह दिया। सीएम ने भी तत्काल मामा होने की जिम्मेदारी निभाते हुए भांजी के तौर पर सांसद सुनीता दुग्गल को शगुन दिया। मनोहर लाल स्कूली बच्चों को भी अपनी जेब से पुरस्कार की राशि देने के मामले में खूब चर्चित हैं। स्कूली बच्चों की पढ़ाई अच्छे से चले, इसके लिए भी उन्होंने हरियाणा प्रदेश में बहुत शिद्दत के साथ काम किया है। स्कूली बच्चों के लिए टैबलेट देने की उनकी योजना बच्चों में बहुत प्रचलित है।
हर वर्ग का ध्यान रखने वाले मुख्यमंत्री ने राज्य के श्रमिक उत्थान के लिए भी खूब काम किया है। उन्होंने श्रमिक की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को मिलने वाले मुआवजे की राशि को बढ़ाया। इसी तरह से विकलांग पेंशन में 10 गुणा बढ़ोतरी की। मजदूरों के बेटे और बेटी की शादी में सरकार की ओर से मिलने वाली राशि को आसान किया गया है। कई जगह ईएसआई डिस्पेंसरी भी खोली जाएंगी। पंजीकृत श्रमिकों के लिए धार्मिक यात्रा की योजना उन्होंंने घोषित की। इसके तहत मजदूरों को सरकार की तरफ से राशि दी जाएगी।