राजस्थान में अगली सरकार जेजेपी की चाबी से खुलेगी

Update: 2023-07-03 11:20 GMT

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राजस्थान की जनता से इसी तरह प्यार और आशीर्वाद मिलता रहा तो आने वाले विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता का ताला जेजेपी की चाबी से ही खुलेगा। दुष्यंत चौटाला राजस्थान दौरे के दौरान कोटपूतली में एक विशाल जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो हरियाणा की भांति पंचायतीराज संस्थाओं में महिलाओं को 50 फ़ीसदी और राशन डिपुओं के आवंटन में भी 33 फीसदी हिस्सेदारी मिलेगी। युवाओं को राजस्थान में निजी नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यहां के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के एक नेता की आपसी लड़ाई ने इस प्रदेश को विकास के मामले में पीछे धकेल दिया है। आज अपराध में आगे बढ़ा राजस्थान है। चाहे अवैध माइनिंग का मामला हो, भूमाफिया की बात हो या परीक्षाओं में पेपर आउट करवाने वालों को सरंक्षण देने की बात हो, कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को गुंडागर्दी के हवाले कर दिया है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कांग्रेस राजस्थान की जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले वायदा किया था कि राज बना दो कर्जा माफ़ कर देंगे। लोगों ने राज तो बना दिया लेकिन सरकार में आते ही कांग्रेस मुकर गई। उन्होंने कहा कि किसान को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाओ, कांग्रेस के माफिया राज से छुटकारा दिला देंगे।

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश की जनता से आह्वान किया कि अब भी समय है आप इनको चुनाव में सबक सीखा दो। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने पर हरियाणा के किसानों की तरह राजस्थान का किसान भी खुशहाल होगा। हरियाणा में सूरजमुखी का भाव 6050 रूपये प्रति क्विंटल दिया जा रहा है जो कि अन्य प्रदेशों से ज्यादा है, अच्छा भाव होने से पड़ोस के प्रदेशों के किसान भी हरियाणा में अपनी फ़सल बेचने आ रहे हैं। हरियाणा की मंडी में किसान को दो घंटे से ज्यादा समय इंतजार नहीं करना पड़ता है, तुरंत फसल खरीद कर ली जाती है और उनकी फसल की कीमत सीधा किसान के बैंक खाते में भेज दी जाती है । इस बार करीब 13 हजार करोड़ रूपये सीधे किसानों के खाते में भेजे गए।

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उनका राजस्थान से विशेष लगाव है, वे भी राजस्थान के लोगों की तरह वीर तेजा जी को मानते हैं। इसी कारण तेजा जी मंदिर और खरनाल में डिजिटल लाइब्रेरी बनवाई है ताकि यहां के युवा अपने गांव में ही परीक्षाओं की तैयारी कर सकें। कई बच्चों ने तो इन लाइब्रेरी से तैयारी करके सरकारी नौकरी भी हासिल कर ली है।

दुष्यंत चौटाला ने कहा राजस्थान के मुख्यमंत्री वीर तेजा जी के सम्मान में जेजेपी द्वारा किए गए कार्य से डर गए और अब उनके नाम से बोर्ड गठित किया है। पहले भी कई बोर्ड गठित किये है, उनसे कुछ नहीं किया गया, ये तो मात्र दिखावा है। कहने को तो कुम्भा राम आर्य जी के नाम से राजस्थान में लिफ्टिंग की एक योजना , लेकिन कितना फायदा दिया जा रहा है सबको मालूम है।

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जेजेपी जो कहती है, उसे जननायक चौधरी देवीलाल की तरह वो करके दिखाते हैं। देवीलाल ने बुजुर्गों को पेंशन देने का वादा किया तो बंसीलाल जैसे सरीख़े कांग्रेसी नेताओं ने मजाक उड़ाया था कि यह संभव होता तो वो ही लागू कर देते। जब देवीलाल मुख्यमंत्री बने तो सबसे पहले बुजुर्गों को पेंशन दी, जो बाद में सारे देश में लागू हुई। आज नतीज़न हरियाणा में 2750 रूपये प्रति माह पेंशन है जो पुरे देश में सबसे ज्यादा है।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने जनता से जेजेपी को मजबूत बनाने का आह्वान करते हुए घोषणा कि कोटपूतली से जेजेपी नेता रामनिवास यादव को टिकट दी जाएगी, सब मिलकर प्रचार शुरू कर दें। भारी भीड़ ने अपना हाथ उठाकर दुष्यंत की अपील पर सहमति जताई। इससे पूर्व रैली में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का रैली में पहुंचने पर गीत गाकर उनका स्वागत किया गया। इसके बाद उनको किसान का प्रतीक हल भेंट किए गए। रैली आयोजक रामनिवास यादव ने उनको पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर जजपा नेता फारुख शेख , कमलेश सैनी , जजपा के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वी सिंह मील , अभिमन्यु राव समेत अन्य नेता उपस्थित थे।

जेजेपी की राजस्थान में धाकड़ एंट्री, विस चुनाव के लिए ठोकी ताल

हरियाणा में जननायक जनता पार्टी ने वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में जो करामात दिखाई थी, उसी तर्ज़ पर राजस्थान में जेजेपी ने धाकड़ एंट्री की है। कोटपुतली में हुई रैली बेशक विधानसभा क्षेत्र की आयोजित की गई थी, परन्तु इसमें उमड़ी हज़ारों की भीड़ को देखकर लगता है कि इस रैली के बाद कइयों की नींद उड़ गई होगी। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का रैली के दौरान पूरा क्रेज़ रहा। राजस्थान में अच्छा दबदबा रखने वाली सभी राजनैतिक पार्टियों की इस रैली पर नज़र थी, क्योंकि चौधरी देवीलाल परिवार ने जब-जब राजस्थान में दस्तक़ दी है तब-तब इस प्रदेश की जनता ने आशीर्वाद के रूप में हमेशा उम्मीद से बढ़कर ही दिया है।

अधेड़ उम्र के यहां के लोग दुष्यंत चौटाला के परदादा चौधरी देवीलाल के ठेठ अंदाज़ को भुले नहीं हैं जब वे "राम राम भाई सा" कह कर अपनी बात शुरू करते थे। इसी बेबाकीपन और राजस्थानी अपनेपन के अंदाज़ का ही करिश्मा रहा कि वर्ष 1989 में देवीलाल राजस्थान से सांसद चुने गए और देश के उपप्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे। देवीलाल के पोते और दुष्यंत चौटाला के पिता डॉ अजय सिंह चौटाला ने भी अपने राजनैतिक सफ़र की शुरुआत राजस्थान की भूमि से की। जब अजय सिंह चौटाला राजस्थान यूनिवर्सिटी में एलएलबी की पढाई कर रहे थे, तो उस वक्त उन्होंने वर्ष 1980 में छात्र-राजनीति में प्रवेश किया था। पढ़ाई पूरी होने के बाद इन्होने सक्रिय राजनीति में हिस्सा लिया और चौधरी देवीलाल के कहने पर अजय सिंह चौटाला ने वर्ष 1989 में दातारामगढ़ से और वर्ष 1993 में नोहर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और भारी बहुमत से चुनाव जीतकर विधायक चुने गए थे। अजय सिंह चौटाला बाद में भी राजस्थान में राजनैतिक रूप से सक्रिय रहे और इनकी मेहनत की बदौलत बाद में इनकी तत्कालीन पार्टी के चार विधायक राजस्थान से चुने गए थे।

देवीलाल परिवार की चौथी पीढ़ी दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला ने आज राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए जो दमदार एंट्री ली है उससे यहां के राजनैतिक दलों को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर होना पड़ सकता है। आज की रैली में जो क्रेज़ उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का दिखाई दिया, वैसा ही क्रेज़ वर्ष 2019 के शुरूआती दौर में दिखाई दिया था। इस रैली में काफी युवा दुष्यंत चौटाला के साथ सेल्फ़ी लेने की होड़ में थे, दुष्यंत ने भी युवाओं को निराश नहीं किया बल्कि खुद अपनी सिक्योरिटी को पीछे करके युवाओं के साथ पूरे गर्मजोशी से मिले।

जेजेपी के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय चौटाला के नेतृत्व में राजस्थान में यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के छात्र -चुनावों में भी जेजेपी की छात्र -विंग इनसो ने बेहतरीन प्रदर्शन करके सबको चौंका दिया था। जहाँ तक जेजेपी के राजनैतिक-उदय और सफ़र की बात है , हरियाणा में मात्र दस महीनों की पार्टी ने वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीतकर राजनैतिक गलियारों हलचल पैदा कर दी थी। यह शायद देश की राजनीति में पहला उदाहरण था कि इतने कम समय में इतनी ज्यादा मेहनत करके किसी क्षेत्रीय दल का अगुआ युवा प्रदेश के उपमुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचा हो। माना जाता है कि दुष्यंत चौटाला जिस तरह निखरे हुए पॉलिटिशियन की भांति हर क़दम फूंक-फूंक कर रख रहे हैं उससे राजस्थान के विधानसभा के चुनावों में उनकी खास-भूमिका की चर्चा होने लगी है।

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