Chandigarh चंडीगढ़: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा लोकसभा क्षेत्र की Member of Parliament Kumari Selja ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार सिर्फ घोषणाएं करने में विश्वास करती है। धरातल पर कोई काम नहीं होता। यही कारण है कि मानसून की बारिश शुरू होने के बाद भी अभी तक प्रदेश के अधिकांश जिलों में न तो बरसाती नालों की सफाई करवाई गई है, न सिरसा-फतेहाबाद में घग्घर नदी के तटबंधों को मजबूत किया गया है।
सैलजा ने कहा कि प्रदेश भर में मानसून की बारिश हो रही है। पहली बारिश में ही अधिकांश जिलों में सड़कों पर बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। दो दिन पहले हुई बारिश से फतेहाबाद, भूना, रतिया, हिसार, रोहतक, महेंद्रगढ़, फरीदाबाद, सोनीपत जिलों में सड़कों पर जलभराव हो गया। सड़कों को देखकर ऐसा लगता है जैसे सड़क नहीं कोई दरिया हो। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है, तब से हर साल ऐसे ही हालात बनते हैं, लेकिन सरकार कोई सबक नहीं लेती है। सरकार ने 2015 में अमृत योजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य था बरसाती पानी की निकासी का उचित प्रबंध करना। करोड़ों रुपये योजना के तहत जारी किए गए। कई शहरों में बारिश के पानी की निकासी के लिए ड्रेनेज सिस्टम शुरू हुआ।
उन्होंने कहा कि मगर अफसोस की बात है कि अभी तक भी योजना के तहत कई शहरों में काम अधूरा पड़ा है। सिरसा शहर का उदाहरण सबके सामने है। सिरसा शहर में अमृत योजना के तहत बारिश के पानी की निकासी के लिए बड़ी ड्रेनेज भूमिगत पाइप लाइन डालकर गांव सिकंदरपुर के पास रंगोई नाले में मिलाई जानी थी। यह काम करीब आठ साल पहले आरंभ किया गया था, मगर हैरानी की बात है कि अभी तक काम पूरा नहीं हुआ है। इससे लगता है कि सरकार को जलभराव से होने वाली परेशानी व नुकसान से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि बारिश से पहले बरसाती नालों की सफाई करवाई जानी चाहिए, लेकिन अभी तक यह काम भी नहीं हुआ है।
Sirsa and Fatehabad जिले में घग्घर नदी में अधिक पानी आने से फसलों को नुकसान होता है। इससे बचने के लिए घग्घर पर कई स्थानों पर तटबंध बनाए गए हैं। हर साल उनकी रिपेयर के लिए बजट आता है, लेकिन सरकार ने तटबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में भी कोई काम नहीं किया है। पिछली बार सिरसा जिले व फतेहाबाद में घग्घर का पानी गांवों व शहर में घुस गया था। सिरसा के कई गांवों में जलभराव से भारी नुकसान हुआ था। करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी यदि काम अधूरा पड़ा है तो इस मामले की जांच करवाई जानी चाहिए, क्योंंकि आशंका है कि इस काम में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है। यदि सरकार ने जनता के जान-माल की हिफाजत नहीं की तो आने वाले समय में इस जुमलेबाज सरकार को प्रदेश की जनता सबक सिखाने में देर नहीं लगाएगी।