सात बच्चों की मां ने पांच बच्चों के पिता से प्रेम विवाह अब कोर्ट से सुरक्षा की गुहार
हरियाणा : घर से भागकर प्रेम विवाह करने वाले जोड़े हाईकोर्ट में अकसर आते हैं, लेकिन अपने आप में एक अलग मामला हाईकोर्ट के सामने पहुंचा है। सात बच्चों की मां ने पांच बच्चों के पिता से विवाह के बाद साथ रहने के लिए सुरक्षा की मांग कर दी। हाईकोर्ट ने हैरानी भरे स्वर में कहा कि देश की जनसंख्या का कुछ तो ख्याल करो, अपने बच्चों के भविष्य पर ही विचार करो। हाईकोर्ट की फटकार के बाद जोड़े ने याचिका वापस ले ली।
मुस्लिम समुदाय से है दंपती
याचिका दाखिल करते हुए मेवात निवासी दंपती ने एडवोकेट नफीस अहमद के माध्यम से बताया कि दोनों मुस्लिम हैं और महिला विधवा है। उसके सात बच्चे हैं। पुरुष ने बताया कि वह भी पहले से शादीशुदा है और उसके पहले विवाह से पांच बच्चे हैं। दोनों ने मार्च में मुस्लिम रीति रिवाजों से शादी की है, लेकिन उनकी जान को खतरा बना हुआ है। मामला जब सुनवाई के लिए पहुंचा, तो पुलिस ने बताया कि दोनों को कुछ दिनों के लिए प्रोटेक्शन होम में रखा था और अब उन्हें कोई खतरा नहीं है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि हम इस बात पर अपनी आंखें नहीं मूंद सकते कि दोनों के पहले विवाह से कुल 12 बच्चे हैं। इन बच्चों के भविष्य के बारे में सोचे बिना इन्होंने विवाह कर लिया। देश की जनसंख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है, इसका ख्याल नहीं कर रहे, लेकिन अपने बच्चों के भविष्य का तो ख्याल करो। हाईकोर्ट के इस रुख पर याचिकाकर्ताओं ने याचिका वापस लेने की छूट मांगी इसे मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
50 हजार का जुर्माना
याचिकाकर्ताओं ने सुरक्षा को सांविधानिक अधिकार बताते हुए याचिका दाखिल की थी, इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि अधिकार के साथ कुछ जिम्मेदारियां और कर्तव्य भी होते हैं। हाईकोर्ट ने पहले याचिका को खारिज करते हुए इस मामले में दंपती पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। आदेश के बाद याची के वकील ने याचिकाकर्ताओं की वित्तीय स्थिति व अन्य दलीलें दीं। इसके बाद हाईकोर्ट ने जुर्माने का आदेश वापस ले लिया।