जलभराव के मुद्दे पर विधायक समेत मेयर और पार्षद धरने पर बैठे

Update: 2023-06-30 15:04 GMT
सोनीपत सोनीपत नगर परिषद को भंग कर नगर निगम बनाया गया था,जिससे जनता को सभी तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जा सके, लेकिन नगर निगम बनाने के बाद सोनीपत वासियों की समस्याएं घटने की वजह बढ़ गई है। क्योंकि जिनके कंधों पर समाधान का भार है। वह समाधान नहीं करवा पा रहे हैं और नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ धरने पर बैठना शुरू हो गए हैं। सोनीपत से कांग्रेसी विधायक, मेयर और सभी पार्षद अधिकारियों के खिलाफ नगर निगम कार्यालय में ही धरने पर बैठ गए हैं। सभी जनप्रतिनिधियों का कहना है कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों की बातों को दरकिनार कर रहे हैं। जिसकी वजह से सोनीपत की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है और जलभराव की समस्या पैदा हो गई है। उन्होंने 15 दिन का समय अधिकारियों को दिया है। अगर समाधान नहीं हुआ तो सभी भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।
बता दें कि सोनीपत में कूड़ा उठान का टेंडर जेबीएम कंपनी को दिया गया है और यह पहली बार नहीं हुआ है कि कांग्रेसी विधायक मेयर और पार्षद धरने पर बैठे हो। इससे पहले भी नगर निगम कार्यालय के मेन गेट पर सभी धरने पर बैठे थे। हालांकि हाउस की बैठक में सभी ने अपनी सहमति जताई थी। साथ ही धरना भी समाप्त कर दिया था, लेकिन एक बार फिर से कांग्रेसी विधायक और सभी पार्षद नगर निगम अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए हैं। सभी जनप्रतिनिधियों का कहना है कि अधिकारियों को वह शहर के कूड़ा उठान और जलभराव की समस्या से पहले ही अवगत करा चुके थे और निर्देश दिए थे कि सभी ड्रेनों, सड़कों और नालों की सफाई करवाई जाए, ताकि जलभराव की समस्या से जनता को निजात मिल सके।
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