पंचतत्व में विलीन हुए शहीद निशांत मलिक, हांसी से ढंढेरी गांव तक लोगों ने शहीद पर बरसाए फूल

Update: 2022-08-13 12:42 GMT

हांसी न्यूज़: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में बृहस्पतिवार सुबह आतंकवादियों के हमले में शहीद हुए हांसी के निशांत मलिक का पार्थिव शव आज हांसी के आदर्श नगर कालोनी स्थित उनके आवास पर पहुंचा। शहीद निशांत मलिक का पार्थिव शव तिरंगे में लिपटे हुए उनके घर में पहुंचा तो मां- बाप और बहन उससे लिपट कर रोने लगे। पार्थिव शव के साथ पहुंचे आर्मी के अधिकारियों व वहां मौजूद लोगों परिजनों का ढांढस बंधाया। परिजनों को विलाप करते देख वहां मौजूद लोगों की आंखें नमः हो गई और हर कोई शहीद की बहादुरी को सलाम कर उसे अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता नजर आया।

शहीद निशांत मलिक का पार्थिव शरीर सुबह 9 बजे दिल्ली से उसके हांसी आवास पर पहुंचा और परिजनों व रिश्तेदारों द्वारा श्रृद्धांजलि अर्पित करने के उपरांत करीब 10 बजे शहीद निशांत मलिक की उनके गांव ढंढेरी के लिए अंतिम यात्रा शुरू की गई। शहीद की अंतिम यात्रा के लिए हिसार कैंट से आई गाड़ी को फूलों से सजाया गया और गाड़ी में शहीद के पिता जयबीर सिंह अपने हाथ में तिरंगा लिए हुए खड़े थे। हांसी से शुरू हुई शहीद की अंतिम यात्रा में लोगों ने रास्ते में फूल बरसाए और भारत माता की जय के नारे लगाए। हांसी से 5 किलोमीटर दूर ढंढेरी गांव तक पहुंचने के लिए शहीद की अंतिम यात्रा को करीब 3 घंटे लग गए।

गांव के राजकीय स्कूल में भी शहीद निशांत मलिक के शव को ग्रामीणों के अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। पूरा गांव अपने सपूत के दर्शन के लिए पहले से पलकें बिछाए बैठा था और हर कोई नमः आंखों से अपने शहीद की बहादुरी पर नाज करते हुए निशांत मलिक अमर रहे के नारे लगा रहा था। लोग हाथों में तिरंगा लेकर शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। वहीं हिसार आर्मी कैंट से पहुंचे जवानों व प्रशासनिक अधिकारियों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद आर्मी के जवानाें ने शहीद के पिता को तिरंगा भेंट किया तो उन्हाेंने इसे अपने माथे पर लगा लिया। करीब सवा 1 बजे शहीद को मुखाग्निनी दी गई।

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