फर्जी कागजों से 1.43 करोड़ का केसीसी लोन, एसपी ने लोगों से की यह अपील
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कैथल: सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की टिंबर मार्केट शाखा में जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) लोन दिलवाने के मामले में लगातार खुलासे होते जा रहे हैं. मामले की जांच के दौरान अब तक 1.43 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़ा का खुलासा हो चुका है.
पुलिस का कहना है कि यह मामले की जांच की जा रही है. यह फर्जीवाड़ा और ज्यादा भी हो सकता है. वर्तमान समय में बैंक के ब्रांच मैनेजर नरेश कुमार बेरवाल ने जब फाइलों को खंगालना शुरू किया और इस फर्जीवाड़े की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई थी. पुलिस अधीक्षक मकसूद अहमद ने बताया कि पूर्व बैंक मैनेजर कुछ दलालों से मिलकर किसान कार्ड के जरिए फर्जीवाड़ा कर रहा था. जांच के दौरान पता चला कि बैंक में जमीनों के कुछ फर्जी कागज जमा हैं, जो अस्तित्व में ही नहीं हैं. कुछ कागजों में नाम बदले हुए थे. इस घोटाले में कैथल जिले के अलावा अन्य जिलों के लोग भी शामिल हैं. पूर्व मैनेजर तेजस सिंह के खिलाफ अभी तक 12 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं और कुछ मामलों में अभी जांच चल रही है.
लोगों से की यह अपील
एसपी ने फर्जीवाड़े से बचने के लिए लोगों से अपील की. उन्होंने कहा कि अगर आपको लोन की जरूरत पड़े तो सीधे बैंक से संपर्क करें. उन्होंने बताया कि जब आप दलालों के माध्यम से लोन लेते हैं तो वे आपके कागजों की कॉपी संभालकर रख लेते हैं और फर्जीवाड़े के लिए नाम बदलकर उन कागजों का इस्तेमाल कर लेते हैं.
क्या है मामला?
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की टिंबर मार्केट शाखा में जमीन के फर्जी कागजात देकर केसीसी लोन करवाने के मामले में गांव भैणी माजरा निवासी महिला आरोपी संतोष को गिरफ्तार किया गया है. व्यापक पूछताछ के बाद आरोपी महिला को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इकोनॉमिक सेल पुलिस के एसआई शमशेर सिंह मामले की जांच कर रहे हैं.बैंक के ब्रांच मैनेजर नरेश कुमार बेरवाल की शिकायत के अनुसार संतोष निवासी भैणी माजरा ने फर्जीवाड़ा के सरगना रेशम निवासी बुडनपुर जिला करनाल, पंकज निवासी हरसौला और तत्कालीन मैनेजर तेजस सिंह चौहान के साथ सांठगांठ कर जमीन के फर्जी कागजात तैयार करने के बाद लोन करवा लिया.
बैंक में जमीनों के फर्जी कागजात देकर सरगना रेशम सिंह ने तत्कालीन बैंक मैनेजर और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर 1.43 करोड़ की धोखाधड़ी की थी. आरोपी रेशम, पंकज और तेज सिंह पहले से ही धोखाधड़ी के अन्य मामले में जिला जेल बंद हैं. आरोपी ने कैथल ही नहीं ढांड, करनाल और कई अन्य दूसरे जिलों में भी इसी तरह फर्जी कागजात तैयार कर बैंकों से लोन लेकर ठगी की थी.